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आज का इतिहासः25 सितंबर

२४ सितम्बर २०१४

1926 में आज के दिन कार कंपनी फोर्ड मोटर के संस्थापक ने फैक्ट्रियों में काम करने वालों के लिए हफ्ते के 5 दिन 8 घंटे काम करने की योजना की घोषणा की थी.

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तस्वीर: Topical Press Agency/Getty Images

आज की तारीख में दुनिया के कई देशों और सेक्टरों में इस मॉडल को अपनाया जा रहा है. हर रोज आठ घंटे काम करने वाले इस मॉडल को लाने वाले हेनरी फोर्ड एक अमेरिकी व्यवसायी थे. इन्हें फोर्ड मोटर कंपनी की स्थापना करने के अलावा बड़े स्तर पर उत्पादन की असेम्बली लाइन तकनीक के आयोजन का भी श्रेय जाता है.

फैक्ट्रियों में काम के लिए हफ्ते के पांच दिन और हर दिन आठ घंटे की योजना औद्योगिक क्रांति के समय की उपज है. 18वीं शताब्दी के अंत तक आते आते कंपनियां अपने फैक्ट्री की मशीनों को चौबीस घंटे चलाने की तरफ बढ़ चुकी थी. उत्पादकता बढ़ाने के इस तरीके को लागू करने का मतलब था कि लोगों को भी हफ्ते के छह दिन और हर दिन 10 से लेकर 16 घंटों कर काम करना पड़ रहा था. कामगारों की मजदूरी काफी कम हुआ करती थी इसलिए भी वे ज्यादा देर तक काम कर थोड़े और पैसे कमाने को तैयार थे. मगर सबको लगने लगा था कि ऐसा लंबे समय तक नहीं चल सकता. ऐसे में ब्रिटेन में रॉबर्ट ऑवेन ने एक अभियान शुरु किया. उनका नारा था, “आठ घंटे मेहनत, आठ घंटे मनोरंजन, आठ घंटे आराम.”

ऑवेन की कोशिशों पर दुनिया भर का ध्यान गया. लेकिन 19वीं सदी की शुरुआत में जाकर अमेरिकी व्यवसायी फोर्ड ने पहली बार आठ घंटे काम की योजना शुरु की. फोर्ड ने ना केवल काम के घंटों में कटौती की बल्कि श्रमिकों का वेतन भी बढ़ा दिया. फोर्ड के इस कदम का असर कंपनी को हुए बड़े लाभ के रूप में दिखाई दिया. इससे प्रेरणा लेकर दुनिया की कंपनियां आठ घंटों वाले मॉडल को अपनाने लगीं.