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इतिहास में आज: 16 दिसंबर

१४ दिसम्बर २०१३

नौ महीने तक पाकिस्तान से बांग्लादेश की मुक्ति के लिए चले संघर्ष के बाद, 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश का एक आजाद देश के रूप में जन्म हुआ.

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तस्वीर: Reuters

1947 में मिली आजादी के साथ ही भारत को हिन्दू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित करना पड़ा. उसके साथ ही पाकिस्तान में भी दो हिस्सों ने जन्म लिया. एक हिस्सा पूर्वी पाकिस्तान जो ज्यादा समृद्ध था और दूसरा पश्चिमी पाकिस्तान जो राजनीतिक रूप से ज्यादा हावी था. पश्चिमी पाकिस्तान में सिंध, पठान, बलोच और मुहाजिरों की ज्यादा तादाद थी जबकि पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली बोलने वाले थे.

देश की राजनीति में पूर्वी पाकिस्तान का ज्यादा दखल नहीं था. लोग इस बात से खुश नहीं थे. वहां के नेता शेख मुजीब-उर-रहमान ने अवामी लीग का गठन किया और 1970 में भारी मतों से जीत हासिल की. लोग क्या चाहते हैं यह बात अब साफ थी. संसद में बहुमत हासिल करने के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की बजाय जेल में डाल दिया गया और यहीं से पाकिस्तान के विभाजन की नींव पड़ी.

मुजीब-उर-रहमान ने हर शख्स से बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने का आह्वान किया. 26 मार्च से शुरू हुए इस संघर्ष में खून की नदियां बहीं, हजारों बलात्कार हुए और लाखों लोगों को पड़ोसी देश भारत में शरण लेनी पड़ी.

भारत भी इस समस्या से काफी परेशानियों का सामना कर रहा था और भारत को बांग्लादेशियों के अनुरोध पर हस्तक्षेप करना पड़ा. पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के दमन के खिलाफ भारत ने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध कर उसे पीछे लौटने पर विवश कर दिया. पाकिस्तानी सेना ने आखिरकार 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इस दिन को बांग्लादेश विजय दिवस के रूप में मनाता है. बांग्लादेश एक आज़ाद मुल्क बना और मुजीबुर्र रहमान इसके पहले प्रधानमंत्री बने.

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