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इस्लाम जर्मनी का हिस्सा नहीं है: जर्मन गृहमंत्री

१६ मार्च २०१८

जर्मनी के गृहमंत्री होर्स्ट जीहोफर ने कहा है कि इस्लाम जर्मन संस्कृति का हिस्सा नहीं है. लंबी कवायद के बाद बनी गठबंधन की सरकार के लिए इस तरह के बयान चिंता का कारण बन सकते हैं.

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Letzte Kabinettssitzung mit Seehofer
तस्वीर: picture-alliance/dpa/L. Mirgeler

छह महीने तक सरकार बनाने की कोशिशों के बाद आखिरकार बुधवार को चांसलर और नए मंत्रियों ने शपथ ली. इसके एक दिन बाद ही गुरुवार को देश के नए गृहमंत्री होर्स्ट जीहोफर ने जर्मन अखबार बिल्ड से बातचीत में कहा कि वह इस विचार से असहमत हैं कि इस्लाम जर्मन संस्कृति का हिस्सा है. गृहमंत्री ने कहा, "नहीं, इस्लाम जर्मनी का नहीं है. जर्मनी को ईसाइयत ने बनाया है." वहीं 2015 से ही चांसलर अंगेला मैर्केल कहती रही हैं कि इस्लाम जर्मनी की संस्कृति का हिस्सा है.

Koalitionsvertrag Unterzeichnung Koalition
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Stache

जीहोफर ने कहा कि ईसाइयत से प्रेरित कुछ पहलू जर्मनी की संस्कृति और रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. उन्होंने कुछ उदाहरण दिए जैसे कि रविवार यहां सार्वजनिक अवकाश है, सार्वजनिक छुट्टियां भी ईस्टर, पेनटेकोस्ट और क्रिसमस पर होती हैं. इसके साथ ही जीहोपर ने यह भी कहा कि जो लोग इस्लाम को मानते हैं वे जरूर जर्मनी का हिस्सा हैं. जीहोफर ने कहा, "जो मुस्लिम यहां रहते हैं, जाहिर है कि वे जर्मनी का हिस्सा हैं." इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा, "किसी के अनुचित लिहाज का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि हम अपने देश की परंपराओं और रिवाजों को छोड़ देंगे."

जीहोफर देश के नए गृह मंत्री हैं और आधिकारिक रूप से इसे गृह, निर्माण और स्वदेश मंत्रालय कहा जाता है. यहां "स्वदेश" शब्द में किसी जगह को अपना घर महसूस करने और किसी जगह का हिस्सा होने, दोनों का भाव मिला हुआ है हालांकि कई बार यह नाजी दौर के निहितार्थों का भी संकेत देता है.

इंटरव्यू के दौरान जीहोफर ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि जर्मन कैबिनेट में कोई काला या फिर अप्रवासी पृष्ठभूमि का व्यक्ति नहीं है. गृहमंत्री ने पूछा, "क्या स्वास्थ्य मंत्री बनने के लिए मुझे पहले डॉक्टर बनना होगा?" इसके साथ ही जीहोफर ने कहा कि अप्रावसी पृष्ठभूमि होने से कोई अच्छा राजनेता नहीं बन जाता.

जीहोफर के बयान में विश्लेषकों को बावेरियाई राजनेता की क्रिश्चियन सोशल यूनियन और नई जर्मन सरकार के ज्यादा रुढ़िवादी दिशा में बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. सीएसयू और सरकार धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी की तरफ गए अपने वोटरों को वापस बुलाने के लिए ऐसा करने की कोशिश कर सकती है.

पिछले साल के आम चुनाव में एएफडी ने इसी बात को अपनी धुरी बनाया था, "इस्लाम जर्मनी का नहीं है." यह पार्टी अब जर्मन संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और जर्मनी की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी.

जिन लोगों के शरण का आवेदन खारिज हो गया है उन्हें वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया तेज करने की बात भी जीहोफर ने कही है. सीएसयू नेता बीते महीनों में अकसर चांसलर अंगेला मैर्केल से टकराते रहे हैं और वह मैर्केल की शरणार्थी नीति के भी कटु आलोचक रहे हैं.

रेबेका स्टाउडडेनमायर/एनआर