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ओबामा का स्वर्ण मंदिर दौरा फेसबुक, ट्विटर पर

२१ अक्टूबर २०१०

एक अमेरिकी सिख संगठन इस बात से नाराज है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने भारत दौरे में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर नहीं जाएंगे. इस संगठन ने ओबामा के स्वर्ण मंदिर दौरे के लिए फेसबुक और ट्विटर पर मुहिम छेड़ी.

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तस्वीर: UNI

वॉशिंगटन में यूनाइटेड सिख नाम के इस संगठन ने ओबामा से स्वर्ण मंदिर का दौरा रद्द न करने की अपील की है. संगठन के एक बयान में कहा गया है, "राष्ट्रपति की नंबवर में भारत यात्रा उल्लास की बात है, खास कर सिख समुदाय के लिए. व्हाइट हाउस के ट्विटर और फेसबुक पेज पर जाइए और राष्ट्रपति को बताइए कि उनके हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) जाने का कितना महत्व है."

यूनाइटेड सिख ने अपने बयान में आगे कहा है, "दुनिया भर में लगभग अदृश्य रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए अमेरिका के राष्ट्र प्रमुख का स्वागत करने का यह शानदार मौका है. इस यात्रा को कम करके नहीं आंकना चाहिए."

इस सिख संगठन ने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टेफान हार्पर और ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की खास तस्वीरें जारी की हैं जिनमें उन्हें स्वर्ण मंदिर का दौरा करते दिखाया गया है. बयान के मुताबिक, "अगर (दौरा रद्द करने की) ये अफवाहें सही हैं तो यह पूरे सिख समुदाय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बेहद निराशा की बात है."

इससे पहले नई दिल्ली में एक राजनयिक ने एएफपी को बताया, "वह अब अमृतसर नहीं जाएंगे. सिर पर कपड़ा रखना एक मुद्दा है. साथ ही यात्रा संबंधी कुछ अन्य परेशानियां भी हैं." इसलिए ओबामा के अमृतसर दौरे को रद्द करना पड़ा है. बताया जाता है कि ओबामा को डर है कि सिर पर कपड़ा रखने से इन दावों को बल मिल सकता है कि वह मुसलमान हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति का पूरा नाम बराक हुसैन ओबामा है और वह ईसाई है, लेकिन अमेरिका के दक्षिणपंथी उन्हें मुसलमान ही मानते हैं. अगस्त में टाइम मैगजीन की तरफ से कराए गए सर्वे के मुताबिक 24 प्रतिशत लोगों ने ओबामा को मुस्लिम बताया था. दरअसल ओबामा के पिता का संबंध केन्या के एक मुस्लिम परिवार से था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम