1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कसाब के बयान मुझ पर न थोपोः लखवी

९ अप्रैल २०१०

लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर खुद को मुंबई हमलों के केस में बरी करने की मांग की है. लखवी ने कहा है कि कसाब का बयान उस पर न थोपा जाए, जिससे वह खुद ही पलट चुका है.

https://p.dw.com/p/MrGY
लखवी के वकील ने दायर की याचिकातस्वीर: AP

लखवी के वकील ख्वाजा सुल्तान की तरफ से दायर याचिका के मुताबिक अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. साथ ही अदालत से मांग की गई है कि वह इस मामले में मुंबई हमलों के दौरान पकड़े गए अजमल आमिर कसाब के बयानों को इस्तेमाल न करे क्योंकि भारतीय अधिकारियों के सामने अपने इक़बालिया बयान से कसाब ही पीछे हट चुका है.

सुल्तान ने बताया कि याचिका में लखवी को बरी किए जाने के लिए लाहौर हाई कोर्ट के 9 मार्च के उस फैसले का भी हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक आतंकवाद निरोधी अदालत से कसाब के बयानों को इस्तेमाल न करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट याचिका पर 13 या 14 अप्रैल को सुनवाई कर सकता है. लखवी समेत सात लोगों पर पाकिस्तान में मुंबई हमलों के सिलसिले में मुकदमा चल रहा है.

वकील का दावा है कि अभियोजन पक्ष ने लखवी पर ऐसे कोई आरोप नहीं लगाए हैं जिससे यह बात साफ होती है कि उसका नवंबर 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों से कोई संपर्क या संबंध था. सुल्तान के मुताबिक, "इस मामले की जांच कसाब के कथित इकबालिया जुर्म पर आधारित है जो भारतीय अधिकारियों की हिरासत में है." उन्होंने कहा कि कसाब अपने इकबालिया बयान से पीछे हट चुका है. हालांकि अभियोजन पक्ष की तरफ से तीन चार्जशीट दाखिल की गईं, लेकिन कसाब के बयानों के समर्थन में कोई गवाह पेश नहीं किया गया. सुल्तान के मुताबिक, "लखवी पर आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने के आरोप नहीं लगाए गए हैं."

सुल्तान का दावा है कि लखवी के खिलाफ दायर चालानों में कसाब के नाम का कहीं ज़िक्र नहीं है, इसलिए कसाब के बयानों को लखवी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. वहीं अभियोजन पक्ष का कहना है कि लखवी के वकील उच्च अदालतों में याचिकाएं दायर कर के मामले की सुनवाई में बाधा डाल रहे हैं. आंतकवाद विरोधी अदालत की सुनवाइयां ऐसी याचिकाओं से प्रभावित होती रही है.

रिपोर्टः एजेंसिंया/ए कुमार

संपादनः एम गोपालकृष्णन