कारों में सवार हजारों चीते पकड़े गए
२० अप्रैल २०१८जर्मनी के सभी 16 राज्यों में इसी हफ्ते 24 घंटे के लिए स्पीड चेक मैराथन हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस ने हर तरह की सड़कों पर बड़ी संख्या में कैमरे तैनात किए. पुलिस यह देखना चाहती थी कि कितने लोग स्पीड लिमिट का उल्लंघन कर रहे हैं. 24 घंटे का अभियान खत्म होने पर पता चला कि 11,000 से ज्यादा ड्राइवर फंस चुके हैं.
इस दौरान कुछ बेहद संगीन मामले भी सामने आए. एक मामले में तो 70 किमी प्रतिघंटा वाली सड़क पर एक व्यक्ति 170 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलाता हुआ पकड़ा गया. एक अन्य मामले में मोटरवे पर निर्माण के चलते कुछ किलोमीटर तक स्पीड लिमिट 60 रखी गई थी. वहां एक चालक 157 की रफ्तार भरता हुआ पकड़ा गया.
सिर्फ हैम्बर्ग राज्य में ही 2,000 से ज्यादा लोग पकड़े गए. जारलैंड में 2,222 और ब्रांडेनबुर्ग राज्य में 7,000 लोग पकड़े गए. बवेरिया और थुरिंजिया में भी बड़ी संख्या में स्पीड लिमिट के पार जाने वाले पकड़ में आए.
2017 में देश भर में हुई स्पीड चेक मैराथन के दौरान भी हजारों लोग पकड़े गए थे. 2012 से शुरू हुए इस देशव्यापी चेकिंग अभियान में अब तक एक लाख से ज्यादा लोग नियम तोड़ते हुए पकड़े जा चुके हैं. इतनी बड़ी संख्या के चलते सभी राज्य अब जुर्माने और दंड में इजाफा करने की तैयारी कर रहे हैं.
अब जर्मनी में आबादी वाले इलाकों में स्पीड लिमिट से 10 किमी प्रतिघंटा तक पार जाने पर 15 यूरो जुर्माना लगता है. लेकिन अगर कोई स्पीड लिमिट से दोगुनी या तिगुनी रफ्तार भरे तो उस पर 600 यूरो तक भारी जुर्माना लग सकता है. इस जुर्माने के साथ ही लाइसेंस पर चार प्वाइंट लगते है और लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित भी कर दिया जाता है.
ओएसजे/एमजे (डीपीए)