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कूटनीति में फंसा इटली जहाज कांड

२१ फ़रवरी २०१२

इतालवी जहाज से हुई फायरिंग में दो भारतीय मछुआरों की मौत के मामले को कानूनी रूप लेने के बाद अब इटली कूटनीति के स्तर पर इसे सुलझाना चाहता है. एक टीम को भारत भेजा गया है, जबकि दो गार्डों को भारत में गिरफ्तार कर लिया गया है.

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तस्वीर: picture alliance / Bildagentur Huber

इटली के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि दो राजनयिकों की टीम इस मामले में अपने नागरिकों की मदद के लिए भारत पहुंची है, जबकि विदेश मंत्री गिलीयो टेरजी अगले हफ्ते भारत पहुंच रहे हैं. नोट में कहा गया, "मंत्री टेरजी अगले मंगलवार को भारत जा रहे हैं."

मंत्रालय का कहना है कि भारत ने अपने स्तर पर कदम उठाते हुए रविवार को दो गार्डों को गिरफ्तार कर लिया है. मासिमिलीयानो लातोरे और सल्वातोर गिरोने इटली के उस टैंकर पर सवार थे, जहां से फायरिंग में भारतीय मछुआरे मारे गए. ये दोनों इतालवी गार्ड सैन मार्को मरीन रेजीमेंट में हैं. यह टैंकर सिंगापुर से मिस्र जा रहा था, तभी रास्ते में यह हादसा हो गया. इसमें नाव पर सवार 11 में दो मछुआरे जेलेस्टीन और आजेश मारे गए.

भारत के कोल्लम जिले में मुकदमा शुरू हुआ है और दोनों इतालवी गार्डों को दो हफ्तों के लिए जेल भेज दिया गया है. इटली का कहना है कि इन दोनों को भारत में सजा नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि जहाज पर इटली का झंडा लगा हुआ था और यह अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जा रहा था. उसके मुताबिक यह जहाज भारतीय सीमा से 32 नॉटिकल मील दूर था. इटली के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मछुआरों की नाव ने बहुत ही खराब व्यवहार किया था और बार बार अपील करने के बाद भी वे नहीं माने. इसका दावा है कि अधिकारियों ने सिर्फ चेतावनी देने के लिए हवा में गोलियां चलाईं.

लेकिन भारत ने कहा है कि गार्डों ने निहत्थे लोगों पर हमला किया है और उनके खिलाफ भारतीय अदालतों में मुकदमा चलना चाहिए. हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहाजों पर समुद्री डकैतों का हमला बढ़ गया है. इसके बाद से इन पर सशस्त्र गार्डों की तैनाती बढ़ गई है.

इटली की मांग है कि जिन दो मछुआरों की मौत हुई है, उनका दोबारा पोस्ट मार्टम किया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें नहीं मालूम कि इस मामले में कौन से कदम उठाए गए हैं. भारत में हत्या के दोषी को मौत की सजा तक मिल सकती है.

इससे पहले सोमवार को फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट केपी जॉय के घर पर मामले की सुनवाई हुई, जिसमें इतालवी मरीन गार्डों, उनके वकील और सरकारी वकील के अलावा एक दोभाषिया को रखा गया. महाशिवरात्रि की वजह से नियमित अदालत बंद था और उन्हें मजिस्ट्रेट के घर पर पेश किया गया. इटली चाहता है कि इनके खिलाफ उसके कानून के हिसाब से मुकदमा चले.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा