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कोरियाई स्केट खिलाड़ी ने छोड़ी नागरिकता

१७ अगस्त २०११

दक्षिण कोरिया में स्केटिंग फैन्स बहुत नाराज हैं क्योंकि उनके तेज तर्रार स्टार स्केटर आन ह्युन सू ने रूस की नागरिकता ले ली है और वह 2014 के सोची विंटर ओलंपिक में रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे.

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तस्वीर: AP

आन कोरियाई स्केटिंग संघ (केएसयू) में गुटबाजी से दुखी थे. उन्हें न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर स्पोर्ट्स हीरो माना जाता है, बल्कि वह तीन बार ओलंपिक चैंपियन भी रहे हैं. इसके अलावा वह वर्ल्ड शॉर्ट ट्रैक चैंपियनशिप में पांच बार स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं. बुधवार को आन ने दक्षिण कोरिया की नागरिकता छोड़ने का फैसला किया और रूसी नागरिक बन गए. अब वह 2014 में रूस के शहर सोची में होने वाले विंटर ओलंपिक में एक रूसी के तौर पर हिस्सा लेंगे.

आन इस साल जून से ही रूस में ट्रेनिंग कर रहे थे. इससे पहले जून 2008 में वह घुटने की चोट का शिकार हो गए. इसीलिए वह 2010 के वैंकूवर विंटर ओलंपिक के लिए दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए. 25 वर्षीय आन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "मैंने बेहतर माहौल में काम करने का फैसला किया है ताकि खेल पर ध्यान दे पाऊं." आन ने कहा कि जब वह रूसी नागरिकता लेंगे तो दक्षिण कोरियाई नागरिकता खुद खत्म हो जाएगी. उन्होंने लिखा है, "मैं आने वाले ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के लिए खूब मेहनत करूंगा और मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है."

'खत्म हो जाएगा'

दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप ने कहा है कि आन केएसयू में लगातार जारी गुटबाजी और विवादों से आजिज आ चुके थे और इसीलिए उन्होंने रूस में जाकर नई शुरुआत करने का फैसला किया. उनके पिता आन की वन के हवाले से योनहाप ने कहा है, "वह बहुत व्यथित था. यहां कोई उसका साथ देने वाला नहीं है."

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तक्षिण कोरिया में स्कैटिंग बहुत लोकप्रिय हैतस्वीर: AP

इस पर लोगों में बहुत गुस्सा है और वे केएसयू की वेबसाइट पर इसे जता रहे हैं. एक व्यक्ति ने लिखा है, "शर्म कीजिए. संघ को माफी मांगनी चाहिए और इस समस्या से निपटना चाहिए. जब भी शॉर्ट ट्रैक टूर्नामेंट होते हैं तो लोग टीवी से चिपके रहते हैं, लेकिन गुटबाजी की वजह से खेल प्रेमी दूर चले जाएंगे तो देर सबेर देश में यह खेल खत्म हो जाएगा."

खेल प्रेमी आन के फैसले के लिए सीधे तौर पर केएसयू को जिम्मेदार मान रहे हैं. एक ने लिखा है, "यह बहुत ही अफसोस की बात है. कोरिया स्केट संघ आन को बचाए रखने में नाकाम रहा है.

दबदबे की दौड़

केएसयू के वरिष्ठ अधिकारी किम बोएम-जु मानते हैं कि उनके संगठन में काफी गुटबाजी रही है, लेकिन वह आन के फैसले की वजह उनकी चोट, बहुत समय तक खेल से दूरी और आर्थिक दिक्कतों को मानते हैं. वह कहते हैं, "यह बहुत अफसोस की बात है कि हमने एक अच्छे स्केटर को खो दिया है. उम्मीद है कि वह रूस में वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे."

आन के पिता कहते हैं कि उनका बेटा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए अगले महीने रूसी राष्ट्रीय टीम के चयन की प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा. रूसी स्केटर संघ के अध्यक्ष एलेक्सी क्राव्तसोव ने कहा, "उन्होंने कोरियाई नागरिकता छोड़ने और रूस में अपना विश्वास जताने का फैसला किया है." उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि आन को अक्टूबर में रूसी पासपोर्ट मिल जाएगा.

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वैंकूवर ओलंपिक में दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी जुंग सू ली (बीच में) ने शॉर्ट ट्रैक इवेंट में गोल्ड मेडल जीतातस्वीर: AP

रूस सोची के विंटर ओलंपिक में दर्जनों गोल्ड मेडल जीतना चाहता है. दरअसल स्केटिंग में रूस का असर कम होता जा रहा है जबकि सोवियत दौर में उसका बहुत दबदबा हुआ करता था. वहीं दक्षिण कोरिया ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक आयोजनों में मेडलों की रेस में सबसे आगे है. उसके पास 19 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 37 तमगे हैं.

ओर भी हैं मिसालें

वैसे इस तरह की मिसालें दूसरे खेलों में भी देखने को मिलती हैं. पोलैंड में जन्मे लुकास पोडोल्स्की जर्मनी के फुटबॉल स्टार हैं. वह कहते हैं कि पोलिश फुटबॉल संघ ने कभी उनकी परवाह ही नहीं की. जब उन्होंने जर्मनी की राष्ट्रीय अंडर-21 टीम में खेलना शुरू किया और मीडिया में सुर्खियों में आने लगे तो उन पर ध्यान दिया गया. लेकिन फिर भी उनके 'सीने में दो दिल धड़कते हैं'. उनके पास दोनों देशों की नागरिकता है. लेकिन वह कहते हैं कि उनके पास पोलिश पासपोर्ट नहीं है.

इसी तरह ताइवान के स्टार पूल खिलाड़ी वु चियाछिंग ने नागरिकता बदल कर चीन के झंडे के नीचे खेलने का फैसला किया. उनका कहना है कि इस फैसले की वजह करियर को बेहतर बनाना है. इसके पीछे किसी राजनीतिक वजह को नहीं देखा जा सकता. वु 2005 में 15 साल की उम्र में 8-बॉल और 9- बॉल चैंपियनशिप जीतने के बाद सुर्खियों में आए. दो साल पहले उन्होंने सिंगापुर की नागरिकता लेने की कोशिश की जिसकी वजह से ताइवानी खिलाड़ी के तौर पर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने में उन्हें परेशानियां आईं. लेकिन अब वह चीनी पूल खिलाड़ी हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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