क्या है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद
2006 में संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार परिषद की स्थापना की थी. बनाने का मकसद था दुनिया भर में मानवाधिकारों के रक्षा करना. लेकिन पिछले कुछ समय से परिषद विवादों में बना रहा है. जानिए क्या काम करता है यूएनएचआरसी.
क्या है मकसद
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की जगह बनाया गया था. परिषद का मकसद था दुनिया में मानवाधिकारों को प्रोत्साहित करना और इस दिशा में काम करना. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में है. इसके सदस्य हर साल तीन बार, मार्च, जून और सितंबर में मिलते हैं.
दुनिया भर में सदस्य
यूएनएचआरसी के 47 देश सदस्य हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा सीक्रेट बैलट के जरिए इन सदस्य देशों का सीधे चुनाव करती है. इन चुने गए देशों का कार्यकाल तीन साल का होता है. साथ ही लगातार दो कार्यकाल पूरा करने वाला देश तीसरी बार अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं कर सकता.
मानवाधिकारों की रक्षा
संस्था का मुख्य कार्य है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बैठाकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना. यह व्यक्तियों, समूहों, गैर-सरकारी संस्थानों की ओर से मिलने वाली शिकायतों पर काम करता है और मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच करता है. परिषद, ऑफिस ऑफ द हाई कमिश्नर ऑन ह्यूमन राइट्स (ओएचसीएचआर) के साथ बेहद करीब से काम करता है.
प्रस्तावों की गंभीरता
एचआरसी के प्रस्ताव सदस्य देशों के राजनीतिक रुख को बयां करते हैं. यह कानूनी रूप से लागू नहीं होते लेकिन नैतिक स्तक पर ये काफी प्रभावी माने जाते हैं. इनमें मानवाधिकार मुद्दे मसलन अभिव्यक्ति की आजादी, गरीबी, न्याय आदि की बात की जाती है. कुछ खास मामलों में मसलन सीरिया, उत्तर कोरिया के विषय में परिषद पूछताछ समिति बना सकती है या विशेष प्रस्ताव ला सकती है.
क्या है विवाद
साल 2017 में पेश अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ओएचसीएचआर ने ऐसे 29 देशों का जिक्र किया जिन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की. इनमें से नौ देश मानवाधिकार परिषद के सदस्य देश ही निकले. जिस पर विवाद हुआ. इसके बाद साल 2018 की ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट में वेनेजुएला, रवांडा, चीन, जैसे मुल्कों पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगाए गए हैं. ये सभी देश भी मानवाधिकार परिषद के सदस्य हैं.
पक्षपात का आरोप
इस्राएल परिषद की विषय सूची में बेहद ही अहम विषय रहा है. साल 2007 से वेस्ट बैंक और गजा पट्टी में मानवाधिकारों का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. अमेरिका परिषद पर इस्राएल के साथ पक्षपात का आरोप लगाता है.
अमेरिका बाहर
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने 19 जून को अमेरिका के परिषद से बाहर निकलने की घोषणा की. यूएनएचआरसी के इतिहास में यह पहला मौका रहा जब कोई देश अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही परिषद से बाहर निकल गया. इसके पहले परिषद ने अमेरिकी सीमा पर अवैध आप्रवासियों के बच्चों को उनके मां-बाप से अलग करने के अमेरिकी फैसले की निंदा की थी. (डेविस फानओपडॉर्प/एए)