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क्यों खराब हो जाते हैं अंगदान वाले लीवर

२० अप्रैल २०१८

अंगदान करने वालों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन फिर भी अंगों की कमी बनी रहती है. असल में बड़ी दिक्कत अंगों को स्टोर करने की है. फ्रिज में स्टोर करने पर लीवर जैसे अंग खराब हो जाते हैं और इस्तेमाल के लायक नहीं रहते.

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Deutschland Bundestag entscheidet über Organspende
तस्वीर: dapd

अंगदान के जरिए मिलने वाले ज्यादातर लीवरों को फिलहाल बर्फीले तापमान से कुछ ऊपर रखकर स्टोर किया जाता है. लेकिन इस वजह से ज्यादातर लीवर खराब हो जाते हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कोंस्टाटिन कौसियोस के मुताबिक, "बीते साल ब्रिटेन में ही मौत से पहले अंगदान करने वाले लोगों के 500 लीवर ट्रांसप्लांट नहीं किए जा सके. कई अंगदाताओं के अंग ऐसी हालत में थे कि वे आइसबॉक्स में रखने के बाद काम नहीं कर पाए. प्रत्यारोपण तकनीक में कई नई खोजें होने के बावजूद अंगों को सुरक्षित ढंग से स्टोर रखने के तरीके में बीते 30 साल में शायद ही कोई बदलाव हुआ है."

लेकिन अब कोंस्टाटिन कौसियोस और उनकी टीम ने दावा किया है कि अगर लीवर को शरीर के सामान्य तापमान पर ही एक लाइफ सपोर्ट सिस्टम में स्टोर किया जाए तो हालत बदल सकते हैं. शरीर का सामान्य तापमान आम तौर पर 37 डिग्री सेल्सियस (98.6 फारेनहाइट) होता है. इसी तापमान पर लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिए लीवर को स्टोर करने पर कोशिकाओं को बहुत कम नुकसान पहुंचता है. सपोर्ट सिस्टम के चलते यकृत में ऑक्सीजन से भरे खून की सप्लाई बनी रहती है, इसके चलते कोशिकाओं को पर्याप्त पोषण मिलता रहता है.

कोंस्टाटिन कौसियोस की टीम ने अंगदान के चलते मिले 220 लीवरों पर शोध करने के बाद यह दावा किया है. 100 लीवरों को उन्होंने आइसबॉक्स में रखा और 120 को बॉडी टेम्प्रेचर के साथ लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर. लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखे गए लीवरों में 50 फीसदी कम नुकसान मिला. उन्हें ज्यादा समय तक स्टोर भी किया जा सका.

लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिए अंगों को सुरक्षित रखने के तरीके को 2016 में ऑर्गनओएक्स नाम से ट्रेडमार्क भी कर दिया गया. कोंस्टाटिन कौसियोस ऑर्गनओएक्स के तकनीकी डायरेक्टर भी है. उनके मुताबिक यूके, भारत और कनाडा में अब उनका तरीका अमल में लाया जा रहा है.

ऑस्ट्रिया के इंसबुर्ग मेडिकल कॉलेज के श्टेफान श्नीबेर्गेर भी इस खोज को अहम सफलता बता रहे हैं, लाइफ सपोर्ट सिस्टम में लीवर को "मशीन से खुराक मिलती है, उस पर नजर रखी जाती है. अगर वह अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसे तुरंत ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है. अगर प्रदर्शन ठीक न हो तो ट्रांसप्लांट से पहले उसे दुरुस्त किया जा सकता है."

कौसियोस चाहते हैं कि उनके शोध पर ज्यादा से ज्यादा रिसर्च हो ताकि इस तकनीक को किफायती बनाया जा सके.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)