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ख़्मेर रूज दौर के दिल दहलाने वाले ब्यौरे

१६ जुलाई २००९

ख़्मेर रूज़ मामले में एक दिल दहला देने वाला खुलासा करते हुए उस दौर के एक जेल गार्ड ने कहा है कि फांसी के लिए वो ही हज़ारों क़ैदियों को ले जाता था. जहां उनकी हत्या कर दी जाती थी और लाशों को क्रब में फेंक दिया जाता था.

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कंबोडिया में युद्ध अदालत के लिए संयुक्त राष्ट्र की अदालततस्वीर: AP

हिम होय नाम के इस कुख्यात पूर्व जेल गार्ड ने ये बयान युद्ध अपराध अदालत के सामने दिया है. हिम होय के मुताबिक पोल पोट के चीफ़ जेलर के आदेश पर वो कैदियों को धान के एक खेत में हांक कर ले जाता था. जहां कपड़े उतारकर बेदर्दी से उनको पीटा जाता था जब तक कि वे तड़प तड़प कर दम न तोड़ दे.

दिल दहला देने वाले इस बयान मे इस पूर्व गार्ड ने ये भी बताया कि क़ैदियों की आंखों में पट्टी बंधी रहती थी. और हाथ पीछे मोड़कर बांध दिए जाते थे ताकि वे किसी किस्म का प्रतिरोध न कर सतें.

युद्ध अपराध मामलों की जांच के लिए गठित ये कंबोडियाई अदालत संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में अपनी सुनवाई कर रही है.
गार्ड ने बताया कि क़ैदियों को गड्ढों के मुहाने पर बैठने को कहा जाता था और फिर उनकी गर्दन पर डंडे से चोट की जाती थी. इस खौफ़नाक यातना का ब्यौरा देते हुए 54 साल के हिम होय की आवाज़ कांपने लगी.

भर्रायी आवाज़ में उसने आगे कहा कि हथकड़ियां और कपड़े उतारने से पहले कई क़ैदियों के गले रेत दिए जाते थे और उन्हें गड्ढों में फेंक दिया जाता था. ये बयान इस गार्ड ने काइंग ग्युक एव नाम के तत्कालीन जेलर के ख़िलाफ़ गवाही में दिया. खमेर रूज दौर के पांच अभियुक्तों में से ये शख़्स सबसे पहला है जिस पर नरसंहार का मुक़दमा चल रहा है.
दोषी पाए जाने पर उसे उम्र क़ैद की सज़ा हो सकती है. होय के मुताबिक एस 21 नाम की जेल के पास एक परिसर में करीब सौ बच्चे भी अपनी मांओं के साथ कैद रखे गए थे. जिन्हें बाद में क़त्ल कर दिया गया. जिस दौरान गार्ड ये बर्बर दास्तान सुना रहा था तो आरोपी जेलर ध्यान से बैठा सुनता रहा.

क्रूरता और मौत का वो मैदान चोएंग एक इलाके में है जो राजधानी नोम पेन्ह से 17 किलोमीटर दूर दक्षिण में है. ये उन 343 जगहों में से है जो क्रबगाह बना दिए गए थे. अब ये जगह उस दौर के स्मारक के रूप में जाना जाती है.
ख़्मेर रूज के शासन काल में 1975-79 के दौरान क़रीब 17 लाख कंबोडियाई नागरिक मौत के घाट उतारे गए थे. इस जेल के प्रमुख काइंग ग्युक एव को 1999 में पकड़ा गया था. पिछले साल फरवरी में उसे वहां ले भी जाया गया था और अपनी क्रूरता को याद करते हुए वो लगातार रोता रहा. उस पर एस 21 जेल में करीब 14 हज़ार लोगों की हत्या करने का आरोप है. उसकी दलील है कि वो सिर्फ़ आदेश पर अमल कर रहा था.

रिपोर्ट- पीटीआई/एस जोशी

संपादन- एम गोपालकृष्णन