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जिद्दी महाकीटाणु के लिए जड़ी बूटियां

७ अप्रैल २०११

7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है और डबल्यूएचओ ने दवाइयों को धता बताने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं के खिलाफ मोर्चा खोला है. विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन से ड्रग रेसिस्टेंट जीवाणुओं के मुद्दे के बारे में बताएंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

एंटीमाइक्रोबल रेसिसेस्टेंस यानी एएमआर का मतलब है किसी भी जीवाणु का उस दवाई के लिए प्रतिरोधक हो जाना जिससे वह पहले खत्म हो जाता था. तेजी बढ़ती तरह तरह की जैव प्रतिरोधी दवाइयों के कारण बैक्टेरिया, वायरस, परजीवी अब इतने ताकतवर हो गए हैं कि वे किसी भी तरह की दवाइयों को धता बता देते हैं और शरीर में बने रहते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाइयों के गलत इस्तेमाल से या ज्यादा इस्तेमाल से यह परेशानी होती है.

Malaria in Kambodscha resistente Erreger
मलेरिया पर भी असर नहींतस्वीर: AP

बढ़ता प्रतिरोध

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्टें हैं कि हर साल चार लाख 40 हजार दवाई प्रतिरोधी तपेदिक के बैक्टेरिया सामने आ रहे हैं जिसके कारण मरने वालों की संख्या सालाना डेढ़ लाख तक पहुंच गई है. दुनिया भर में एड्स वायरस से पीड़ित मरीजों में से छह फीसदी मरीज एड्स के प्रतिरोधी वायरस से पीड़ित हैं जिन पर किसी दवाई का असर नहीं होता.

प्रकृति, हर्बल चिकित्सा पर करीब 20 किताबें लिखने वाले स्टेफन बूनर कहते हैं कि अभी हमारे पास कोई एंटीबायोटिक दवाई नहीं है जो इन ड्रग रेसिस्टेंट बीमारियों पर काम कर सकें. बूनर चेतावनी देते हैं, "अगले 10 साल में बैक्टेरिया एंटीबायोटिक्स से लड़ने में इतने सक्षम हो जाएंगे कि उन पर कोई दवाई काम नहीं कर पाएगी."

ऐसी आशंका करने वाले बूनर अकेले नहीं हैं. प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन डेविड ग्रेफन कहते हैं कि हमारी दवाइयां लगातार नाकाम होती जा रही हैं.

लौटे जड़ी बूटियों पर

विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर की सरकारों, स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ अभियान चलाने की बात कर रहा है लेकिन वह उन संगठनों की ओर ध्यान नहीं दे रहा जो देसी उपायों, जड़ी बूटियों के जरिए दवाई के लिए प्रतिरोधी हो चुके बैक्टेरिया का इलाज ढूंढ रहे हैं. बूनर ने कहा, "मलेरिया के इलाज के पारंपरिक तरीकों पर शोध के लिए ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में काम चल रहा है. दुनिया भर से वैज्ञानिक यहां काम कर रहे हैं और आगे बढ़े हैं."

बूनर ने बताया, एक्शन फॉर नेचर एंड मेडिसिन एक ऐसा नेटवर्क है जो अफ्रीका में लोगों को पौधों के बीज बांट रहे हैं. सदियों पुराने इलाज को फिर से समुदाय के हाथ में दिया जा रहा है. यहां तक कि अमेरिका में भी कई संगठन फिर से जड़ी बूटियों की तरफ लौट रहे हैं.

बूनर की ताजा किताब हर्बल एंटीबायोटिक्सः नेचरल ऑल्टरनेटिव फॉर ट्रीटिंग ड्रग रेसिस्टेंट बैक्टेरिया में दवा प्रतिरोधी बीमारियों के कई इलाज दिए गए हैं.

नाइजीरिया में शोधकर्ता सिदा एक्युटा नाम के पौधे पर शोध कर रहे हैं जो दवा प्रतिरोधी हो चुके बैक्टेरिया के इलाज में बहुत प्रभावशाली है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः वी कुमार

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