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तुर्क फ़िल्म 'बाल' को बर्लिनाले स्वर्ण

२२ फ़रवरी २०१०

बर्लिन फ़िल्म महोत्सव बर्लिनाले में तुर्की की फ़िल्म 'बाल' को सर्वोत्तम फ़िल्म का स्वर्ण भालू पुरस्कार मिला है जबकि रोमान पोलांस्की को उनकी थ्रिलर 'द घोस्टराइटर' के लिए सर्वोत्तम निर्देशक का रजत भालू पुरस्कार मिला.

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बाल फ़िल्म का बाल कलाकारतस्वीर: Internationale Filmfestspiele Berlin

सर्वश्रेष्ट फ़िल्म के लिए स्वर्ण भालू सेमिह कापलानोग्लू की तुर्क फ़िल्म 'बाल' को दिया गया. जूरी प्रमुख जर्मन फ़िल्मकार वैर्नर हैर्त्सोग ने इसकी घोषणा की. 46 साल बाद पहली बार तुर्की की किसी फ़िल्म को फिर से सोने के भालू से सम्मानित किया गया है. कापलानोग्लू की फ़िल्म बाल यानि कि मधु तुर्की के पश्चिमोत्तर में रहने वाले एक आठ वर्षीय बच्चे की कहानी है जिसका पिता मधुमक्खियां पालता है. एक दिन उसके ऊपर पहाड़ टूट पड़ता है, जब उसका पिता जंगल से वापस नहीं लौटता.

Berlinale 2010 - Preisverleihung
पुरस्कारों की कतारतस्वीर: picture alliance / dpa

यह फ़िल्म कापलानोग्लू की तीन भागों वाली फ़िल्म की अंतिम कड़ी थी जो ग्रामीण तुर्की की कहानी कहती है. पहली दो फ़िल्में अंडा और दूध थीं. इस फ़िल्म का मुक़ाबला प्रतिस्पर्धा में और 20 फ़िल्मों से था जिसमें रोमान पोलांस्की की 'द घोस्टराइटर' भी शामिल थी.

Berlinale Spanisch Flash-Galerie
टिकट खिड़की पर दर्शकों की भीड़तस्वीर: DW

बलात्कार के एक पुराने मामले के सिलसिले में क़ैग 76 वर्षीय ऑस्कर विजेता पोलांस्की को इस फ़िल्म के लिए सर्वोत्तम निर्देशक का रजत भालू मिला. फ़िल्म के मुख्य कलाकार पियर्स ब्रोसनन और इवान मैकग्रोगोर भी पुरस्कार समारोह से दूर रहे. फ़िल्म निर्माता अलां सार्दे ने पुरस्कार लिया लेकिन पोलांस्की का संदेश दिया कि यदि संभव भी होता तो वे नहीं आते, क्योंकि पिछली बार जब वे एक फ़िल्म महोत्सव में पुरस्कार लेने गए थे, तो वहां से जेल पहुंच गए.

Bollywood-Star Shah Rukh Khan auf Plakat zu neuem Film
तस्वीर: AP

सर्वोत्तम अभिनेत्री का पुरस्कार जापान की शीनोबू तेराजीमा को फ़िल्म 'काटरपिलर' के लिए मिला जबकि सर्वोत्तम अभिनेता का पुरस्कार रूस के ग्रिगोरी दोब्रजिन और सेरगेई पुस्केपालिस के बीच बंटा, जिंहोने अलेक्सेई पोपोग्रेब्स्की की फ़िल्म 'हाव आई एंडेडे दिस समर' में ध्रुवीय शोध स्टेशन पर काम करने वालों की भूमिका निभाई है. प्रतियोगिता खंड में शाह रुख़ ख़ान की 'माइ नेम इज़ ख़ान' भी दिखाई गई थी, लेकिन वह प्रतिस्पर्धा से बाहर थी.

हालांकि आलोचक 60 वें बर्लिनाले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे, दर्शकों में यह अत्यंत लोकप्रिय रहा. महोत्सव के दस दिनों में लगभग तीन लाख टिकट बिके जो एक नया रिकार्ड है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा