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दिल्ली का पहला गोल्ड नाइजीरिया को

४ अक्टूबर २०१०

नाइजीरिया की आउगस्तीना न्वाओकोलो ने दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों का पहला स्वर्ण पदक जीता है. 17 साल की न्वाओकोलो ने 48 किलोग्राम महिला भारोत्तोलन में भारत की सोनिया चानु को हैरान कर सोने पर कब्जा किया.

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तस्वीर: AP

चानु को रजत पदक मिला जबकि भारत की ही संध्या रानी ने कांस्य पदक जीता. अभी स्कूली पढ़ाई कर रहीं न्वाओकोलो ने 175 किलोग्राम उठाने का नया कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाया. स्नैच में उन्होंने 77 किलोग्राम जबकि क्लीन एंड जर्क में 98 किलोग्राम वजन उठाया. स्नैच में खिलाड़ी को सीधे वजन उठाना पड़ता है जबकि क्लीन एंड जर्क में वजन को एक बार उठाकर छाती तक लाने और फिर ऊपर उठाना होता है.

उधर 30 साल की चानु पर घरेलू उम्मीदें ज्यादा ही दिखाई दीं. वह 167 किलोग्राम के साथ रजत पदक ही हासिल कर सकीं. वहीं 167 किलोग्राम तक उठा चुकीं रानी सोमवार को कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान 165 किलोग्राम ही उठा पाईं. वह क्लीन एंड जर्क में 97 किलोग्राम उठाने में नाकाम रहीं.

यह नतीजे भारत के लिए खास अच्छे नहीं रहे जबकि कॉमनवेल्थ स्तर पर उसके भारोत्तोलक पारंपरिक रूप से बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं. 2006 के मेलबर्न कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय भारोत्तोलकों ने नौ पदक जीते थे जिनमें तीन स्वर्ण पदक भी शामिल थे. इससे पहले मैनचैस्टर कॉमनवेल्थ खेलों में उनके हिस्से आए 12 स्वर्ण पदकों सहित 27 पदक आए.

चार साल पहले मेलबर्न में कांस्य पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की एरिका यामासाकी को पदकों की रेस से बाहर हो जाना पडा. वह क्लीन एंड जर्क में 88 किलोग्राम उठाने में तीन बार काम रहीं. 23 साल की ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय चैंपियन अपने प्रदर्शन से बेहद निराश दिखीं और फर्श पर गिर कर रोने लगीं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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