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दिल्ली वाले तो देसी दारू के दीवाने

२१ मार्च २०१०

दिल्ली के दिलवाले खाने पीने के भी खूब शौकीन है. लेकिन बात जब पीने की हो तो देसी दारू के आगे उन्हें सब फीका नज़र आता है. दिल्ली में देश में तैयार विदेशी शराब या फिर इंपोर्टेड ब्रैंड से कहीं ज़्यादा देसी शराब बिकती है.

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तस्वीर: Bilderbox

दिल्ली सरकार की तरफ़ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीयर दूसरी सबसे ज्यादा पसंदीदी ड्रिंक के तौर पर उभरी है. इसके बाद नंबर वाइन और दूसरी विदेशी शराबों का आता है.

दिल्ली में 2007-08 के दौरान देसी शराब की ब्रिकी बढ़कर लगभग दो गुनी हो गई. इस दौरान कुल 11.26 करोड़ बोतलें बिकीं. इससे पहले 2006-07 में यह संख्या 6.05 करोड़ के आसपास थी. वहीं 2007-08 के दौरान बीयर की 8.42 करोड़ बोतलें बिकीं.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

विदेशी ब्रैंड और वाइन की लोकप्रियता भी दिल्ली में धीरे धीरे बढ़ रही है. दिल्ली वाले 2007-08 में वाइन और विदेशी शराब की 8.36 करोड़ बोतलें डकार गए. वहीं इससे एक साल पहले यह संख्या 7.75 करोड़ के आसपास थी. 2001-02 में विदेशी ब्रैंड की 4.46 करोड़ बोतलें बिकीं.

दिल्ली में 300 सरकारी और 91 प्राइवेट दुकानें हैं जिन्हें शराब बेचने की अनुमित है. पिछले कुछ सालों के दौरान दिल्ली में बीयर को पसंद करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. 2001-02 में जहां दिल्ली वालों ने बीयर की 3.39 करोड़ बोतलें पीं, वहीं 2007-08 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.42 करोड़ हो गया.

शहर में शराब की बिक्री बढ़ने से सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी खासी वृद्धि हुई है. 2009-10 (फरवरी तक) में शराब की बिक्री से सरकार को 1,494 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि 2008-09 में उसे इससे 1,420 करोड़ रुपये मिले. सरकार को अनुमान है कि 2009-10 में उसे शराब की बिक्री से 1600 करोड़ रुपये मिलेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार