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दो महीने में 106 तेंदुए साफ

६ मार्च २०१८

2018 के शुरुआती दो महीनों में भारत में 106 तेंदुए मारे गए हैं. देश राजनीति में व्यस्त रहा और शिकारी तेंदुओं को मार गिराने में.

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Iran Leopard
तस्वीर: iew

देश भर के जंगली क्षेत्रों में नए साल की शुरुआत के पहले दो महीने में 106 तेंदुओं की जान चली गई. तेंदुओं की कम संख्या के मद्देनजर पर्यावरणविदों और वन्यजीव विशेषज्ञों ने तेंदुओं की मौतों पर गंभीर चिंता जताई है. दो महीने में इतनी संख्या में तेंदुओं की मौत पर चिंता और ज्यादा तब बढ़ जाती है जब इन 106 मौतों में केवल 12 को प्राकृतिक मौत बताया जा रहा है. इस मामले में आंकड़े जुटाने वाली संस्था वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी आफ इंडिया के अनुसार, सबसे ज्यादा मौतें शिकार की वजह से हुईं हैं और केवल 12 की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई हैं.

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा 24, महाराष्ट्र में 18 और राजस्थान में 11 तेंदुओं की मौत हुई है. तेंदुओं की मौत का विवरण 18 राज्यों से हासिल हुआ है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में कुल 431 तेंदुओं की मौत हुई. इनमें 159 मौतें शिकार के कारण हुईं. वर्ष 2016 में करीब 450 बाघों की मौत हुई थी जिनमें 127 की मौत शिकार की वजह से हुई.

शिकारी तेंदुओं की खोज में रहते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी और खाल काफी ऊंचे दामों पर बिकती है. इसके साथ इसके कई अन्य अंगों की भी मांग रहती है. इसके साथ ही आबादी बढ़ने और जंगलों तक जा पहुंची खेती की जमीन तेंदुआ के लिए बड़ा खतरा बन गई है.

विशेषज्ञों ने आईएएनएस से कहा कि भारत में शिकारी तेंदुए की खाल को तीन-चार लाख रुपये में बेच देते हैं. इसके बाद यह खाल नेपाल या अन्य पड़ोसी देश पहुंच जाती है जहां इसकी कीमत बढ़कर आठ-दस लाख रुपये हो जाती है. वहां से इसे तस्करी कर चीन पहुंचाया जाता है जहां इसकी कीमत 40 से 50 लाख रुपये हो जाती है.

वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी के अनुसार, इनमें से 18 मामले ऐसे हैं जो स्पष्टतया शिकार किए जाने की ओर इशारा करते हैं. ऐसा इसलिए कि इनके शरीर पर गोली के निशान मिले हैं या शरीर में विष होने की जानकारी मिली है.

सोसाइटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू एवं कश्मीर और गुजरात में चार तेंदुओं को तस्करों से चंगुल से छुड़ाया गया. वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी के प्रोग्राम आफिसर टीटो जोसफ ने आईएएनएस से कहा, "दो महीने में मौत का यह आंकड़ा काफी ज्यादा है, वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से यह साल की खराब शुरुआत है."

देहरादून स्थित वर्ल्डलाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक वाईवी झाला के मुताबिक, यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है क्योंकि ये आंकड़े वो हैं जिनके मामले सामने आए हैं.

वर्ल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के अनुसार देश के 17 राज्यों में 9 हजार तेंदुए हैं. हालांकि देश भर में तेंदुओं की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं है. भारतीय तेंदुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण किए जाने वाले जीवों की सूची में हैं.

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कुशाग्र दीक्षिण/आईएएनएस