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नेपोलियन के मुकुट पर सजा भारतीय हीरा होगा नीलाम

१८ अक्टूबर २०१७

16वीं शताब्दी में गोलकुंडा की खान से एक बेहद खूबसूरत गुलाबी हीरा निकाला गया. यह हीरा नेपोलियन बोनापार्ट समेत फ्रांस के तमाम राजाओं के ताज की शान बना. अब यह नीलाम हो रहा है.

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Großbritannien Le Grand Mazarin bei Christie's
तस्वीर: Gety Images/C. J. Ratcliffe

स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में नवंबर में यह हीरा नीलाम होगा. 19.07 कैरेट के इस हीरे का नाम "ले ग्रांड माजारिन" है. यह हल्के गुलाबी रंग का है. मुकुट में शान बढ़ाने वाले इस हीरे ने फ्रांस के कई राजा देखे. उन राजाओं में नेपोलियन बोनापार्ट भी शामिल थे.

ले ग्रांड माजारिन को 1661 में फ्रांस के राजा लुई चौदह को भेंट किया गया. इसके बाद फ्रांस का जो भी राजा बना उसने इस हीरे वाले ताज को अपने सिर पर पहना.

नीलामी घर क्रिस्टीज यूरोप और एशिया के चैयरमैने फ्रांको कुरी के मुताबिक, "यह हीरा सुंदरता की चिरकालीन निशानी है, जिसने फ्रांस के सात राजाओं और रानियों के शाही खजाने की शोभा बढ़ाई. इससे भी बड़ी बात यह है कि यह 350 साल तक यूरोपीय इतिहास का गवाह है. यह हीरा अपने आप में एक क्लास है."

Großbritannien Le Grand Mazarin bei Christie's
ले ग्रांड माजारिनतस्वीर: Gety Images/C. J. Ratcliffe

दक्षिण भारत की मशहूर गोलकुंडा की खदान से निकाले गए इस हीरे का नाम इटली के कार्डिनल और कूटनीतिक अधिकारी कार्डिनल मजारिन के नाम पर पड़ा. वह फ्रांसीसी राजाई लुई तेरह और लुई चौदह के चीफ मिनिस्टर थे.

फ्रांस की क्रांति के बाद यह हीरा नेपोलियन प्रथम और नेपोलियन तृतीय के राजमुकुट का हिस्सा बना. 1870 में नेपोलियन तृतीय के पतन के बाद 1887 में यह हीरा पहली बार बिका. अब 130 साल बाद यह फिर से नीलामी बाजार तक आया है. क्रिस्टीज ने इसके मालिक का नाम नहीं बताया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि हीरा 60 से 90 लाख डॉलर में बिकेगा. हीरे की नीलामी 14 नवंबर को जिनेवा में होगी.

(दुनिया के कुछ मशहूर ताज)

ओएसजे/आईबी (एएफपी)