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पत्नी को मारो लेकिन चोट के निशान न लगें

१९ अक्टूबर २०१०

संयुक्त अरब अमीरात के उच्च न्यायालय ने एक नए फैसले में कहा है कि एक पति को अपनी पत्नी और बच्चों को मारने की इजाजत तब तक है जब तक कि उनके शरीर पर मार के निशान न पड़े हों.

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तस्वीर: picture-alliance / dpa

अदालत के फैसले में कहा गया है, "एक पुरुष को अपनी पत्नी और बच्चों को आनुशासन में लाने का अधिकार है लेकिन उसके मारने से जिस्म पर दाग नहीं पड़ने चाहिए."

मुख्य न्यायाधीश फलह अल हजेरी ने कहा कि कानून पति को अनुशासित करने का अधिकार तो देता है लेकिन पति को अपनी सीमा में रहना होगा.

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तस्वीर: AP

कोर्ट के फैसले के मुताबिक एक व्यक्ति जिसने "अपनी बेटी को हाथ से और लातों से मारा", उसने शरियत के तहत अपने अधिकारों का उल्लंघन किया है क्योंकि उसने अपनी पत्नी को बहुत जोर से मारा और उसकी बेटी, जो 23 साल की थी, वह इस तरह के अनुशासन के लिए उम्र में बहुत बड़ी हो चुकी थी.

संयुक्त अरब अमीरात सउदी अरब के मुकाबले एक उदारवादी देश माना जाता हैं. हालांकि इसके बावजूद देश में उदारवादी कानूनों के साथ शरिया को भी जगह दी जाती है. सउदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है और वे बिना पुरुष को साथ लिए घर से बाहर नहीं निकल सकतीं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः एन रंजन