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पर्यावरण पर ईयू बनाएगा अपना खेमा

२३ दिसम्बर २००९

कोपेनहेगन पर्यावरण सम्मेलन में हुए बुरे अनुभवों के बाद यूरोपीय देश पर्यावरण सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए साथियों की तलाश में हैं. जापान और ऑस्ट्रेलिया को अपनी ओर खींचने की कोशिश.

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ब्रसेल्स में पर्यावरण मंत्रियों की बैठकतस्वीर: AP

मंगलवार को ब्रसेल्स में हुई बैठक में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने तय किया है कि जून में बॉन में और नवम्बर में मेक्सिको में होने वाले सम्मेलनों से पहले जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मोर्चा बनाया जाएगा. जर्मन पर्यावरण मंत्री नॉर्बर्ट रौएटगेन ने "समान सोच वालों के सहबंध" की बात की है और कहा है, "हमें ऐसे सहयोगी ढूंढने होंगे जो अगले सम्मेलनों में हमारे साथ चलें."

कोपेनहेगन से यूरोपीय देशों की निराशा साफ़ है जहां दो सप्ताह के विचार विमर्श के बाद 193 देश ठोस समझौता करने के बदले सिर्फ़ एक अस्पष्ट समझौता घोषणा पर ही सहमत हो पाए. यूरोपीय संघ के अध्यक्ष स्वीडेन के प्रधानमंत्री फ़्रेडरिक राइनफ़ेल्ड का कहना है, "यह कोई आदर्श समझौता नहीं है. इसके आधार पर पृथ्वी के गरम होने को दो डिग्री पर रोकना संभव नहीं है."

Norbert Röttgen
जर्मन पर्यावरण मंत्री रौएटगेनतस्वीर: PA/dpa

कोपेनहेगन के कमज़ोर नतीज़ों के बावजूद जर्मन सरकार 2020 तक ग्लासहाउस गैस में 1990 के स्तर से 40 फ़ीसदी कमी के लक्ष्य पर कायम है. जर्मन पर्यावरण मंत्री रौएटगेन ने ब्रसेल्स में कहा, "इसका मतलब है कि हम एक ऊंचा लक्ष्य अकेले पूरा करना चाहते हैं, 40 फ़ीसदी की कमी का, इससे स्वतंत्र कि क्या दूसरे भी समान लक्ष्य तय करते हैं."

रौएटगेन का कहना है कि यूरोप को भविष्य में अमेरिका और चीन पर अधिक दबाव डालना चाहिए. स्वीडेन के पर्यावरण मंत्री आंद्रेयास कार्लग्रेन ने भी अमेरिका और चीन को कोपेनहेगन की विफलता का मुख्य कारण बताया और कहा कि कोपेनहेगन की विफलता से सीखा जाना चाहिए. इधर यूरोपीय पर्यावरण संगठनों ने आलोचना की है कि यूरोपीय देश अगुआ भूमिका निभाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं.

जर्मन पर्यावरण संस्था डीयूएच ने मांग की है कि यूरोपीय संघ को बिना किसी पूर्वशर्त के अपने कांच घर गैसों में 2020 तक 30 प्रतिशत की कमी करनी चाहिए. यूरोपीय संघ ने अब तक 20 फ़ीसदी कटौती की पेशकश की है. जर्मन सरकार ने स्वयं 40 फ़ीसदी कमी की घोषणा की है लेकिन फिलहाल यूरोपीय लक्ष्य तय करने की मांग ठुकरा दी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह