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पायलट की नींद बनी विमान हादसे की वजह

१७ नवम्बर २०१०

मई में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार बताया गया है. अदालती जांच के मुताबिक नींद में होने के कारण पायलट ने गलत दिशा में रनवे पर विमान उतारा और चेतावनियों की भी अनदेखी की. हादसे में 158 लोग मरे थे.

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158 जानों का नुकसानतस्वीर: AP

रिपोर्ट के मुताबिक सर्बिया के पायलट ज्लाट्को ग्लुसिया दुबई से मैंगलोर तक की तीन घंटे की उड़ान में ज्यादातर वक्त नींद में ही थे. जब विमान ने उतरना शुरू किया, तो ग्लुसिया का लैंडिंग की तरफ पूरा ध्यान ही नहीं था. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक विमान ने अपने रनवे को पीछे छोड़ दिया और वह पहाड़ियों में जा गिरा जहां विमान आग की लपटों में ध्वस्त हो गया.

विमान हादसे की आधिकारिक जांच रिपोर्ट को अभी सार्वनजिक नहीं किया गया है. मंगलवार को यह रिपोर्ट नागरिक उड्ड्यन मंत्रालय को सौंपी गई. विमान के पिक पॉकेट में रिकॉर्ड आवाजों में सहायक पायलट को यह कहते हुए सुना गया है, "हमारे लिए रनवे नहीं बचा है." इस विमान हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर ऐसे थे जो खाड़ी में काम कर लौट रहे थे. दक्षिण भारत के बहुत से लोग खाड़ी देशों में निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं में मजदूर या घरों में नौकर के तौर पर काम करते हैं.

साल 2000 के बाद हुए इस बड़े विमान हादसे के कारणों की जांच के लिए छह सदस्यों वाली एक अदालत का गठन किया गया. इससे पहले 1996 में और भी बड़ा हादसा हुआ था जब नई दिल्ली में दो विमान हवा में एक दूसरे से टकरा गए. इसमें लगभग 350 लोग मारे गए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः प्रिया एसेलबोर्न

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