1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'फुकुशिमा ने परमाणु ऊर्जा पर विचार बदले'

९ जून २०११

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने देश के 17 परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद करने के बारे में अपने विचार जर्मन संसद के निचले सदन में रखे. कहा फुकुशिमा ने परमाणु ऊर्जा के बारे में उनके विचार बदल दिए. मैर्केल भौतिकी में पीएचडी हैं.

https://p.dw.com/p/11XgC
Bundeskanzlerin Angela Merkel (CDU, r) verfolgt am Donnerstag (09.06.2011) im Bundestag in Berlin neben Wirtschaftsminster Philpp Rösler (FDP,l) die Debatte. Bundeskanzlerin Angela Merkel (CDU) gab zuvor eine Regierungserklärung zur Energiepolitik ab. Foto: Michael Kappeler dpa +++(c) dpa - Bildfunk+++
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केलतस्वीर: picture alliance / dpa

पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के चालू रखने की समय सीमा बढ़ाने वाली जर्मन सरकार ने जापान के फुकुशिमा में परमाणु संकट पैदा होने के बाद तुरंत पैंतरा बदला और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को तुरत फुरत में बंद करने का फैसला कर लिया. फैसला पारित होना तो लाजमी था ही क्योंकि ग्रीन और एसपीडी पार्टी इसके लिए पहले से तैयार थी.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने गुरुवार को कहा कि वह खुद भी इस बदलाव को चाहती हैं. मैर्केल ने बिजली की तारें बदलने की बात कही ताकि नवीनीकृत ऊर्जा का इस्तेमाल तेजी से किया जा सके. "जापान की स्थिति दुनिया के लिए एक सबक है, वह मेरे लिए भी निजी स्तर पर एक अहम घटना थी. जापान के फुकुशिमा में पैदा हुए परमाणु संकट ने दिखाया कि उच्च तकनीक वाला जापान भी इस दुर्घटना से पार नहीं पा सका. जिसे यह समझ में आ गया है उसे अपने मानक बदलने होंगे."

साथ ही मैर्केल ने कहा, "लेकिन हमें खुद से झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि नवीनीकृत ऊर्जा बनाने के लिए जरूरी नेटवर्क बनाने के लिए काफी काम करना होगा."

Bundeskanzlerin Angela Merkel (CDU) gestikuliert am Donnerstag (09.06.11) in Berlin im Bundestag. Der Bundestag debattiert am Donnerstag ueber die Energiepolitik. (zu dapd-Text) Foto: Axel Schmidt/dapd
जर्मन संसद के निचले सदन में मैर्केलतस्वीर: dapd

विपक्षी पार्टियों की आलोचना

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के संबोधन की विपक्षी पार्टियों ने कड़ी आलोचना की. क्योंकि पिछले ही साल मैर्केल की सरकार ने ही परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की अवधि 2022 से बढ़ा कर 2036 कर दी थी. इसलिए एसपीडी और ग्रीन पार्टी ने अंगेला मैर्केल के बयान की बाल की खाल खींची और ऊर्जा नीति में परिवर्तन के लिए खुद की वाहवाही करने की आलोचना की.

एसपीडी के फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने कहा, "हम नहीं भूल सकते कि आपने दस साल पहले हमें परेशान किया और अब आप यहां खड़े हो कर दावे कर रही हैं कि आपने इस ऊर्जा क्रांति की शुरुआत की है."

एफडीपी पार्टी परमाणु ऊर्जा से निकलने की योजना को आशंका की नजर से देख रही है. एफडीपी के नेता फिलिप रोएसलर ने चेतावनी दी है कि आपात स्थिति के लिए एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र तैयार स्थिति में रखे बगैर ऊर्जा की कमी को पूरा करना संभव नहीं होगा. हम कोई ब्लैकआउट का जोखिम नहीं उठा सकते.

अब तक जर्मनी में 22 फीसदी ऊर्जा परमाणु संयंत्रों से बनती थी. अब गैस प्लांट, पवन ऊर्जा से ऊर्जा की आपूर्ति पूरी करने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए नए संयंत्र बनाने होंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ईशा भाटिया

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी