1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बीजेपी ने पीएम के प्रस्ताव को खारिज किया

२१ दिसम्बर २०१०

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच पर गतिरोध तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेश होने का प्रस्ताव रखा लेकिन बीजेपी और वामपंथी दलों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है.

https://p.dw.com/p/Qh3z
पीएम का प्रस्ताव ठुकरायातस्वीर: AP

विपक्ष पिछले कई हफ्तों से सरकार पर दबाव बनाए हुए है कि उसे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने के लिए लिए तैयार हो जाना चाहिए. लेकिन सरकार ने इसकी इजाजत देने से मना कर दिया है और दोनों पक्षों में कई दिनों से टकराव चल रहा है. सरकार चाहती है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संसद की ही पीएसी (लोक लेखा समिति) कर ले लेकिन विपक्ष इसे नाकाफी बता रहा है. सोमवार को कांग्रेस के महाधिवेशन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष के हमलों की धार को कुंद करने के लिए कहा कि वह खुद पीएसी के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष इस पर भी राजी नहीं है.

बीजेपी और वामपंथी दलों ने कहा है कि सरकार गठन की जोड़तोड़ और व्यवस्था में खामियों का पता लगाने के लिए यह जरूरी है कि जेपीसी का गठन किया जाए. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "अगर उन्हें विश्वास है कि सरकार ने कोई गलती नहीं की है तो वह पीएसी और जेपीसी की बहस में क्यों पड़े हैं. जेपीसी एक संसदीय समिति है और इसके पास जांच करने का अधिकार होगा. प्रधानमंत्री को जेपीसी के सामने पेश होना चाहिए और सरकार को चाहिए कि वह संयुक्त संसदीय समिति के लिए तैयार हो जाए."

NO FLASH Indien Pressekonferenz Singh
तस्वीर: AP

भारतीय संसद हर साल लोक लेखा समिति का गठन करती है, जिसमें 22 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते. इनमें से 15 सदस्य लोकसभा के होते हैं, सात सदस्य राज्यसभा से चुने जाते हैं. यह समिति सरकारी खर्चों की समीक्षा कर सकती है. जबकि संयुक्त संसदीय समिति में सदस्यों की संख्या सीमित नहीं है और किसी मामले की जांच के लिए इसका गठन किया जा सकता है.

जेटली के मुताबिक प्रधानमंत्री खुद तय नहीं कर सकते कि उन्हें किस जांच समिति का सामना करना है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है लेकिन जेटली जवाब में कहते हैं कि विपक्ष कहता रहेगा कि अभी कई बातें छिपी हुई हैं. बीजेपी नेता ने कहा है कि सरकार को अभी कई बातों का जवाब देना है. "इस सरकार का गठन कैसे हुआ, किसने यह तय किया कि किस पार्टी को टेलीकॉम मंत्रालय दिया जाएगा. क्या इस प्रक्रिया में औद्योगिक घरानो और लॉबीस्ट ने भी भूमिका निभाई."

प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए जेटली ने उन्हीं के उदाहरण का इस्तेमाल किया, "पीएम कहते हैं कि सीजर की पत्नी को संदेह से ऊपर होना चाहिए. लेकिन सीजर की पत्नी ने यह नहीं चुना कि वह अपनी सफाई कहां देंगी. जबकि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह पीएसी (लोक लेखा समिति) के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं." वहीं कांग्रेस पार्टी का कहना है कि 2जी स्पेक्ट्रम की जांच के लिए जेपीसी की मांग पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है.

रिपोर्ट: एजेंसिया/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें