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भारत का पहला जासूसी उपग्रह अंतरिक्ष में

२० अप्रैल २००९

मुंबई हमलों के बाद चौकस हुई भारत सरकार ने सोमवार को अपनी तरह का पहला जासूसी उपग्रह अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया. 300 किलोग्राम वजन का यह उपग्रह भारत की सीमाओं की 24 घंटे निगरानी रखेगा

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भारत का ये पहला जासूसी उपग्रह हैतस्वीर: AP

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने सोमवार को सफलतापूर्ण तरीके से रीसैट-2 (रडार इमेजिंग सेटेलाइट) एक जासूसी उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया.

भारत ने सोमवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष पोर्ट से अपना पहला जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित किया. 19 मिनट की उड़ान के बाद इसरो के वैज्ञानिक इस उपग्रह को अंतरिक्ष कक्षा में स्थापित करने में सफल रहे.

उपग्रह के 300 किलोग्राम के वजन को भारत में ही बने पीएसएलवी रॉकेट ने 330 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया. 300 किलोग्राम का यह अंतरिक्ष से चौकसी रखने वाला उपग्रह इस्राएल में बना है.

इस जासूसी उपग्रह के साथ भारत ने 40 किलोग्राम वजन का एक शिक्षा संबंधी उपग्रह भी लॉंच किया.

सूत्रों ने समाचार एजेन्सी पीटीआई को बताया कि इस उपग्रह में ऐसी क्षमता है जो की पहले किसी भी भारतीय उपग्रह में नहीं थी. यह उपग्रह अंतरिक्ष से भारत की सीमाओं पर निगरानी रखेगा. ज़मीन पर होती किसी भी तरह की और छोटी से छोटी हलचल को यह उपग्रह पकड़ लेगा. इन सभी खूबियों के कारण यह उपग्रह अंतरिक्ष से सुरक्षा एजेंसियों की कई तरह से मदद कर पाएगा.

स्थानीय मीडीया के अनुसार भारत सरकार ने इस उपग्रह परियोजना को जल्दी में अंजाम दिया. भारत सरकार ने नवंबर में हुए मुंबई हमलों के बाद इस तरह की तकनीक में काफ़ी पैसा लगाया है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने बताया कि शिक्षा संबंधी सैटेलाइट अन्ना युनिवर्सिटी ने बनाया है. जिसके ज़रिये सूखे और रेगिस्तान या अनुपजाऊ भूमि का निरीक्षण के अलावा शहरों की योजना से लेकर कई विषयों पर शोध किया जाएगा. अनुसैट भारतीय युनिवर्सिटी द्वारा बनाया गया पहला प्रायोगितक सैटेलाईट है जो बाकी युनिवर्सिटीयों को भी सैटेलाइट बनाने के लिये प्रोत्साहित करेगा.
नवंबर में हुए मुंबई आतंकी हमलों में 166 लोगों की जान गयी थी. हमले में शामिल सभी आतंकी समुद्री रास्ते से भारतीय सीमा में घुसे थे.

रिपोर्ट- एजेंसियां, पुखराज चौधरी
संपादन- आभा मोंढे