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भारत के गुन गाती रिपब्लिकन पार्टी

२९ अगस्त २०१२

अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी ने भारत को रणनीतिक और भूराजनैनिक पटल पर अहम देश बताया. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मिट रोमनी ने अपील की कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत किया जाना चाहिए.

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तस्वीर: Reuters

मिट रोमनी ने चुनावी अभियान के दौरान कहा, "हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ मजबूत रिश्तों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में भी स्वागत करते हैं. हम पुष्टि करते हुए घोषणा करते हैं कि भारत हमारा भूराजनैतिक सहयोगी और रणनीतिक साझेदार है." टैंपा में रिपब्लिकन सम्मेलन में उन्होंने यह बात कही. पार्टी ने जोर दिया कि वह नई दिल्ली को ज्यादा विदेशी निवेश के मुद्दे पर प्रोत्साहित करेगी. साथ ही अपील की गई कि भारत में सभी धर्मों के लोगों को सुरक्षा मिले. पार्टी ने अमेरिका की बेहतरी के लिए वहां रहने वाले भारतीयों के योगदान को भी सराहा.

चुनावी रैलियों में भारत और उसके साथ संबंधों के बारे में अक्सर बात की जाती है. अमेरिकी राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बराक ओबामा ने भी अपने भाषण में यह कहा था. हालांकि वित्तीय अस्थिरता के दौर में कहीं न कहीं संरक्षणवादी नीतियां लागू की जाती हैं जो नौकरियों के वैश्वीकरण के दौर में खतरनाक है. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, चीन के आसपास होने के कारण अमेरिका तुलनात्मक रूप से स्थिर भारत के महत्व को चाह कर भी नहीं नकार सकता.

Mitt Romney USA Republikaner Kandidat
तस्वीर: Reuters

रिपब्लिकन पार्टी कन्वेशन में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि इराक और अफगानिस्तान में हिंसा के कारण पाकिस्तान की राजनैतिक और सैन्य संरचना पर भारी दबाव पड़ा है. और वह आतंरिक और बाहरी दोनों जगह से आतंकवाद से प्रभावित है.

अफगानिस्तान से सैनिक हटाने के मुद्दे पर पार्टी ने कहा कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति कभी भी सैनिक जरूरतों को घरेलू राजनीति से छोटा नहीं मानेंगे. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और अमेरिका तीनों चाहते हैं कि इलाके से तालिबान और दूसरे घुसपैठिये चले जाएं. लेकिन हम दूसरों से दृढ़ होने को नहीं कह सकते जब तक हम न हों. हम चाहते हैं कि अफगान सरकार भ्रष्टाचार से निबटे, निष्पक्ष चुनावों का आदर करे और नशीले पदार्थों के खिलाफ हमारे संघर्ष को सहयोग करे क्योंकि यह घुसपैठ बढ़ाता है. किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की मदद पर सजा नहीं मिलनी चाहिए.

एएम/एजेए (पीटीआई)