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'भारत में कोयला मुख्य ऊर्जा स्रोत बना रहेगा'

८ दिसम्बर २०१०

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून कांकून में सभी देशों के पर्यावरण मंत्रियों से ग्लोबल वॉर्मिंग पर ठोस निर्णय लेने की अपील कर रहे हैं तो भारत के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि भारत को जलवायु परिवर्तन से गंभीर खतरा.

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तस्वीर: UNI

मेक्सिको के कांकून में जारी संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन शिखर वार्ता में भारत के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि भारत को बदलती जलवायु से बहुत बड़ा खतरा है. भारत में जहरीली गैसों के उत्सर्जन में कटौती की योजना पेश करते हुए रमेश ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग लगातार बढ़ रही है ऐसी स्थिति में कोयले से बनने वाली बिजली ऊर्जा का एक मुख्य स्रोत आगे कई साल बनी रहेगी. "1.3 अरब लोगों के इस देश में सिर्फ सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा हमारी ऊर्जा जरूरत को पूरा कर सकेंगे इस बारे में सोचना एक बहुत ही मूर्खतापूर्ण रूमानी विचार है." जयराम रमेश ने कहा कि लंबे समय तक भारत अपनी जरूरत की 50 फीसदी बिजली कोयले से बनाएगा.

शिखर वार्ता में पर्यावरण मंत्री ने कहा कि भारत धरती के बढ़ते तापमान से ज्यादा खतरे में है क्योंकि इस कारण वर्षा का टाइम टेबल बिगड़ रहा है और इसका सीधा असर खेती पर होगा. भारत की बड़ी जनसंख्या कृषि उद्योग पर निर्भर है. भारत को जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा खतरा है.

कांकून में 190 से ज्यादा देशों के पर्यावरण मंत्री शिखर वार्ता में भाग लेने पहुंचे हैं. सभी को उम्मीद है कि शुक्रवार तक एक वैश्विक करार पर सहमति बन जाएगी. जयराम रमेश ने औद्योगिक देशों की कड़े शब्दों में आलोचना की कि वह क्योटो प्रोटोकॉल को आगे नहीं बढ़ा रहे क्योंकि इससे उन्हें जहरीली गैसों के उत्सर्जन की सीमा तय करनी होगी.

भारत ने इस शिखर वार्ता के पहले एक प्रस्ताव रखा था जिससे विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन के बारे में कार्रवाई पारदर्शी हो सकेगी.

भारत के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि देश आने वाले सालों में कम कार्बन ग्रोथ को आर्थिक विकास का केंद्र बनाने वाला है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ओ सिंह