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भोजन की कमी से कम हो रहे हैं अंटार्कटिक के पेंग्विन

१२ अप्रैल २०११

अंटार्कटिक के पेंग्विनों की दो प्रजातियां ऐसी हैं जिनकी तादाद तेजी से घटती जा रही है. ग्लोबल वॉर्मिंग से पिघलते सागर, बड़ी संख्या में मछलियों के शिकार औऱ कुछ दूसरी वजहों से उनका भोजन छिनता जा रहा है.

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तस्वीर: Astrid Richter/Alfred-Wegener-Institute

वॉशिंगटन की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की ताजा रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. एडेली और चिनस्ट्रैप नाम के दो पेंग्विनों की प्रजातियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में 1970 में की गई रिसर्च से ताजा रिपोर्ट की तुलना की गई है. नए रिसर्च में पता चला है कि झींगे की एक किस्म क्रिल की तादाद में नाटकीय रूप से गिरावट आई है. क्रिल प्रजनन के लिए समुद्री बर्फ पर निर्भर है. क्रिल की संख्या में आई गिरावट ही पेंग्विनों की संख्या घटने की वजह है. रिपोर्ट के मुताबिक पेंग्विनों की तादाद में करीब 50 फीसदी की कमी आई है.

एडेली पेंग्विन जाड़े के दिनों में समुद्री बर्फ को अपना आवास बनाते हैं. पिछले दशक में इन पेंग्विन की संख्या हर साल 2.9 फीसदी के हिसाब से कम हुई है. चिनस्ट्रैप पेंग्विनों खुले पानी में रहना पसंद करते हैं, उनकी संख्या इसी दौर में करीब 4.3 फीसदी के हिसाब से कम हुई है. कुछ वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि हवा और पानी का तापमान बढ़ने के कारण समुद्री बर्फ में कमी आई है जिसका एडेली पेंग्विनों की संख्या पर नकारात्मक असर हुआ है. इस अनुमान को अगर सच माना जाए तो एडेली पेंग्विनों की तुलना में चिनस्ट्रैप पेंग्विनों की तादाद बढ़नी चाहिए थी जो खुले पानी को अपना आवास बनाती हैं. लेकिन ताजा रिसर्च से पता चला है कि क्रिल में आई कमी के कारण दोनों तरह की पेंग्विनों की तादाद लगातार घट रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

क्रिल समुद्री बर्फ के नीचे पैदा होने वाली वनस्पति को अपना भोजन बनाते हैं रिसर्च में सामने आया है कि इन इलाकों में क्रिल की तादाद 80 फीसदी तक कम हो गई है. यही क्रिल इन पेंग्विनों को भोजन है. अब जब भोजन ही नहीं होगा तो पेंग्विन कहां से होंगी. समुद्री पक्षियों पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक वायने ट्राइवलपीस कहते हैं, "भोजन चक्र में क्रिल पेंग्विन और दूसरे जीवों के नीचे आता है. आवास के बारे में उनकी पसंद चाहे जो हो लेकिन हम पेंग्विन की घटती तादाद के पीछे उनके भोजन के प्रमुख स्रोत के खत्म हुए आवास को वजह मानते हैं.

पृथ्वी पर अन्टार्कटिक सबसे गर्म होते पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है. 1970 के मुकाबले मौजूदा समय में कड़ाके की ठंड वाले मौसम में यहां के तापमान में पांच से छह डिग्री तक का इजाफा हुआ है. रिसर्च में कहा गया है, "अगर तापमान बढ़ना जारी रहा तो समुद्री बर्फ इस इलाके से गायब ही हो जाएंगे इसके साथ ही क्रिल और पेंग्विनों की संख्या भी घटती चली जाएगी.

वैसे क्रिल के खात्म के पीछे केवल समुद्री बर्फ का घटना ही वजह नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक क्रिल का शिकार कारोबारी उद्देश्यों के लिए भी किया जा रहा है. इसके अलावा व्हेल और सील भी इसका शिकार करते हैं. 1930-1970 के दौरान जब इंसान ने सील और व्हेल का ज्यादा शिकार किया तो क्रिल की तादाद बढ़ गई नतीजा ये हुआ कि पेंग्विनों की तादाद में भी इजाफा हुआ. अब इंसान सील और व्हेल का शिकार नहीं कर रहे तो उसका एक असर इस रूप में भी लोगों के सामने आ रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह