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मैराडोना के ख़िलाफ़ जांच

१७ अक्टूबर २००९

अर्जेटीना के पू्र्व फुटबॉल स्टार और राष्ट्रीय टीम के कोच डिएगो मैराडोना एक नई मूसीबत में फंस गए हैं. टीम को तो उनकी अगुवाई में जैसे तैसे विश्व कप में जगह मिल गई लेकिन मैराडोना अपने बड़बोलेपन के एक मामले में घिर गए.

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विवाद दर विवादतस्वीर: AP

विश्व फुटबॉल की रेगुलेटरी संस्था ने उनके ख़िलाफ़ अनुशासन की जांच बैठाने का फ़ैसला किया है. फ़ीफ़ा के प्रमुख सेप ब्लैटर ने कहा कि मैराडोना के ख़िलाफ़ अनुशासन भंग करने के बारे में जांच बैठाने के अलावा अब कोई चारा नहीं है.

उरुग्वे के ख़िलाफ़ मैच में जीत के दौरान मैराडोना ख़ासे जोश में आ गए थे और उन्होंने पत्रकारों के सामने कुछ अभद्र टिप्पणियां कर डालीं. इसके लिए मैराडोना ने बाद में माफ़ी भी मांगी. उन्होंने कहा कि ''वो महिलाओं से माफ़ी मांगते हैं, अपनी मां से माफ़ी मांगते हैं, अर्जेटीना की महिलाओं से माफ़ी मांगते हैं और दुनिया भर की महिलाओं से माफ़ी मांगते हैं लेकिन उनके अलावा किसी और से नहीं.'' उनका इशारा मीडिया की तरफ़ था. उनका कहना है कि वो मीडिया से माफ़ी नहीं मांगेंगे.

फ़ीफ़ा को मैराडोना की टिप्पणी नागवार गुज़री है. उसका कहना है कि नियमों के मुताबिक अगर वो दोषी पाए गए तो उन्हें क़रीब तीस हज़ार डॉलर का ज़ुर्माना भरना पड़ सकता है या उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है.

48 साल के मैराडोना अपने खेल से ज़्यादा विवादों से चर्चा में रहे हैं और हाल में टीम का कोच बनने के बाद भी वो उसे जीतने वाली टीम नहीं बना पाए. बड़ी मुश्किल से आखिरी के दो क्वालिफाइंग मैच जीतकर अर्जेटीना विश्व कप में खेलने का मौका हासिल कर पाई.

मैराडोना ने अपनी अभद्र टिप्पणी के बारे में कहा कि वो सिर्फ़ उन लोगों के प्रति अपने गुस्से का इज़हार कर रहे थे जो उनके पीछे पड़े रहे हैं. उनका कहना है कि कई पत्रकार नहीं चाहते कि अर्जेटीना की टीम विश्व कप में खेले इसलिए बिना बात का वितंडा किया जा रहा है लिहाज़ा वो पत्रकारों से तो हरगिज़ माफ़ी नहीं मागेंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपादन: महेश झा