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मैराडोना पर दो महीने की पाबंदी

१५ नवम्बर २००९

अर्जेंटीना के फ़ुटबॉल कोच डियागो मैराडोना पर दो महीने की पाबंदी लगा दी गई है. वर्ल्ड कप क्वालिफ़ाइंग मैच के बाद भरी प्रेस कांफ्रेंस में अपशब्द कहने की वजह से उन पर 24,000 डॉलर का जुर्माना भी ठोंका गया है.

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अश्लील शब्दों के इस्तेमाल का आरोपतस्वीर: AP

फ़ुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था फ़ीफ़ा ने कहा कि 49 साल के मैराडोना ने अपने बर्ताव के लिए माफ़ी मांगी थी. नहीं तो अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप के दौरान भी उन पर पाबंदी लगाई जा सकती थी. उन्होंने मैच ख़त्म होने के बाद पहले ग्राउंड के अंदर टचलाइन पर और बाद में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बेहद अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया था. उनकी ये प्रेस कांफ्रेंस कई देशों में लाइव प्रसारित हो रही थी.

साल भर पहले अर्जेंटीना के कोच बनाए गए डियागो मैराडोना ने इस मामले में निजी तौर पर ज़्यूरिख़ में फ़ीफ़ा हेडक्वार्टर में पेश हुए. इससे पहले मैराडोना कई सालों तक नशे की लत से जूझते रहे, कई साल तक शराब की आदत में रहे और मोटापे की वजह से भी खेल से दूर रहे.

Diego Maradona landet auf dem Bauch
तस्वीर: AP

मामले की सुनवाई के बाद फ़ीफ़ा ने बयान जारी कर कहा, "फ़ीफ़ा की अनुशासनात्मक समिति ने फ़ैसला किया है कि अर्जेंटीना के प्रमुख कोच डियागो मैराडोना पर हर तरह के फ़ुटबॉल पर दो महीने की पाबंदी लगाई जाए. इसके अलावा उन पर 25000 स्विस फ्रैंक यानी लगभग साढ़े 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है."

फ़ीफ़ा ने कहा कि मैराडोना की माफ़ी को ध्यान में रखा गया और इसके आधार पर ही फ़ैसला किया गया. ख़ुद मैराडोना को भी यह बात बता दी गई. इसके साथ ही फ़ीफ़ा ने मैराडोना को स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्होंने इस फ़ैसले को तोड़ा या फिर भविष्य में दोबारा ऐसी कोई हरकत हुई, तो सख़्त कार्रवाई होगी. यह पाबंदी फ़ौरन लागू हो गई है और अगले साल 15 जनवरी तक चलेगी.

वह इस मामले की सुनवाई के लिए स्पेन से सीधा ज़यूरिख़ पहुंचे. उन्होंने एयरपोर्ट पर रिपोर्टरों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. शनिवार को एक दोस्ताना मुक़ाबले में अर्जेंटीना की टीम स्पेन से हार गई.

मैराडोना फ़ुटबॉल इतिहास के सबसे बड़े खिलाड़ियों में गिने जाते हैं लेकिन उनकी पूरी ज़िन्दगी भी विवादों से भरी रही है. 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान डोपिंग की वजह से उन्हें निकाल दिया गया था. इसके बाद वह कभी अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल नहीं खेल पाए.

वर्ल्ड कप 2010 के क्वालीफ़ाइंग मुक़ाबलों के दौरान अर्जेंटीना की टीम बोलीविया, इक्वाडोर, ब्राज़ील और पैराग्वे से हार गई. ऐसा लगने लगा कि अर्जेंटीना वर्ल्ड कप के लिए नहीं चुनी जाएगी. इसके बाद टीम के कोच मैराडोना बुरी तरह दबाव में आ गए. लेकिन आख़िरी मैच जीत कर उनकी टीम ने वर्ल्ड कप में जगह बना ली और इसके बाद ही मैराडोना ने अपशब्द कहे. अर्जेंटीना को 1986 का वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच के तौर पर मैराडोना की क्षमता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः एस गौड़