मैर्केल की मुश्किल बढ़ाते एसपीडी के छुपे पत्ते
१४ दिसम्बर २०१७जर्मनी को यूरोप की स्थिरता का एक बड़ा गढ़ माना जाता है. लेकिन चुनाव के तीन महीने बाद भी देश में सरकार बनने का रास्ता साफ नहीं हो सका है. चांसलर अंगेला मैर्केल पर सरकार बनाने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है. लेकिन मैर्केल की पसंदीदा साझेदार पार्टी एसपीडी गठबंधन में आने के निर्णय पर समय ले रही है. 13 दिसंबर को मैर्केल की सीडीयू और इसकी सहोदर पार्टी सीएसयू ने जारी बयान में साफ किया कि पार्टी देश में स्थिर सरकार बनाने के लिए एसपीडी के साथ समझौता वार्ता की शुरुआत करना चाहती है.
वहीं एसपीडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि पार्टी 15 दिसंबर को कोई भी घोषणा करने से पहले आंतरिक सलाह-मशविरा करेगी. चार साल तक सीडीयू के साथ गठबंधन सरकार में शामिल रही एसडीपी का इन चुनावों में अपने गठन के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन रहा. जिसके बाद पार्टी ने सरकार में शामिल होने को लेकर साफ इनकार कर दिया था.
लेकिन सीडीयू-सीएसयू की गठबंधन वार्ता, ग्रीन पार्टी और एफडीपी के साथ असफल हो गई. जिसके बाद राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने एसपीडी से गठबंधन सरकार बनाने आग्रह किया.
एसपीडी के कुछ सदस्य गठबंधन के पक्ष में हैं. लेकिन विशेषज्ञों की नजर में ऐसे तीन क्षेत्र हैं जहां एसपीडी और सीडीयू के बीच मतभेद सामने आ सकते हैं. पहला एसपीडी चाहती है कि सभी के लिए सरकारी स्वास्थ्य बीमा को अनिवार्य बनाया जाये, दूसरा एसपीडी नेता मार्टिन शुल्त्स का यूरोपीय संघ को लेकर "यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप" का दृष्टिकोण और तीसरा जर्मनी आये शरणार्थियों के परिवार वालों को उनके साथ रहने की अनुमति देना.
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि समझौता वार्ता का दौर जनवरी के मध्य तक जारी रह सकता हैं.
एए/ओएसजे (रॉयटर्स, डीपीए)