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राजस्थान में आरक्षण बिल को मंज़ूरी

३१ जुलाई २००९

राजस्थान में गुर्जरों को आरक्षण देने संबंधी बिल को राज्यपाल ने अपनी मंज़ूरी दे दी है. राज्य में लंबे समय से आंदोलन कर रहे गुर्जर समुदाय को तीन अन्य समुदायों के साथ अब सरकारी नौकरियों में पांच फ़ीसदी आरक्षण मिलेगा.

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तस्वीर: AP

बिल को राज्यपाल की मंज़ूरी मिलने के बाद गुर्जरों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. इससे पहले गुरूवार दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट की एक बैठक बुलाई और आरक्षण संबंधी बिल को कैबिनेट से पास कराया. फिर इसे राज्यपाल के पास भेजा गया. विधानसभा में पिछले साल ही इसे पास करा लिया गया था जब वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार थी.

राजभवन से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि राज्यपाल एसके सिंह ने राजस्थान की अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग/विशेष पिछड़ी जातियों और आर्थिक रूप से पिछड़ी अगड़ी जातियों को आरक्षण देने वाले बिल को मंज़ूरी दे दी है.

बिल के मुताबिक क्रीमी लेयर में आने वाले लोग आरक्षित श्रेणी के तहत राज्य के किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला नहीं ले सकते. गुर्जर समुदाय अपने नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में लंबे समय से आंदोलन कर रहा था. पिछले कुछ दिनों से ये लोग हिंडन मे धरने पर भी बैठे थे.

बैंसला की अगुवाई में 2007 में ये आंदोलन राजस्थान में भड़का था जब गुर्जरों ने अपने लिए अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण की मांग की थी. गुर्जरों ने अपना धरना और आंदोलन फ़िलहाल वापस ले लिया है. राज्य सरकार का कहना है कि वह समाज के उपेक्षित दबे कुचले वर्गों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है.

रिपोर्ट- एजेंसियां/एस जोशी

संपादन- ए कुमार