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रामानायडू को दादा साहेब फाल्के अवार्ड

९ सितम्बर २०१०

वरिष्ठ फिल्मकार डी रामानायडू को भारतीय फिल्म जगत में बेमिसाल उपलब्धियों के लिए 2009 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाएगा. उन्हें इस साल के अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव के दौरान गोवा में सम्मानित किया जाएगा.

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भारतीय सिनेमा को दिशा देने वाले फाल्के

रामानायडू ने पिछले 47 साल के दौरान अलग अलग भारतीय भाषाओं में 130 से ज्यादा फिल्में बनाई हैं और उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल है. तेलुगु फिल्मों के अलावा उन्होंने हिंदी, बांग्ला, उड़िया, असमिया, मलयालम, तमिल, कन्नड़, गुजराती, मराठी और भोजपुरी में भी फिल्में बनाई हैं.

75 साल के शानदार फिल्मकार की सूरीगडू को 1993 में भारतीय पैनोरमा वर्ग में चुना गया, जबकि उनकी बांग्ला फिल्म असुख को 1999 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. उन्हें आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से कई पुरस्कार दिए जा चुके हैं.

रामानायडू आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकप्रिय अभिनेता एनटी रामाराव, ए नागेश्वर राव, सिवाजी गणेशन, पंडारी बई, जमुना, पद्मिनी, शोभन बाबू, कमल हासन, जया प्रदा, चिरंजीवी, रजनीकांत, राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, रेखा, जीतेंद्र और श्रीदेवी जैसे कलाकारों के साथ काम कर चुके हैं.

रामानायडू ने हिंदी फिल्म हमारी बेटी भी बनाई, जो ज्यादा नहीं चल पाई. यह एक अपाहिज व्यक्ति की कहानी पर आधारित फिल्म है और इसमें संदेश दिया गया है कि कैसे वे भी एक सामान्य जिन्दगी बिता सकते हैं. यह फिल्म शिकागो और वेनिस फिल्म समारोहों में हिस्सा ले चुकी है.

प्रकासम जिले के करामचेडू गांव में 1936 में पैदा हुए रामानायडू ने 1963 में फिल्म जगत में कदम रखा. उनकी पहली फिल्म अनुर्गम की खासी चर्चा हुई और दूसरी रामुदू-भीमुदू जबरदस्त हिट रही. इस फिल्म में एनटी रामाराव ने लीड भूमिका की.

रामानायडू ने हैदराबाद और विशाखापत्तनम में स्टूडियो, रिकॉर्डिंग, प्रीव्यू और डबिंग थियेटर भी बनाए हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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