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लंग कैंसर की सबसे कारगर और सस्ती दवा

ओंकार सिंह जनौटी
१६ मार्च २०१८

55 साल लंबे अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद क्यूबा ने लंग कैंसर की सबसे कारगर दवा विकसित कर ली है. सिमावैक्स नाम का यह इंजेक्शन कैंसर के इलाज में बड़ी खोज साबित हो रहा है. इसका दाम भी बेहद कम है.

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Krankenschwester mit Spritze
तस्वीर: picture-alliance/dpa/I.Zarembo

ज्यादातर देशों में कैंसर का इलाज फिलहाल सर्जरी और कीमोथैरेपी से किया जाता है. कुछ मामलों में सर्जरी से ट्यूमर कोशिकाएं हटाई जाती हैं. इसके बाद कीमोथैरेपी से ट्यूमर को मूल रूप से खत्म किया जाता है. लेकिन लंग कैंसर के लिए बनाया गया सिमावैक्स बिल्कुल अगल ढंग से इलाज करता है.

सिमावैक्स, फेफड़ों में कैंसर कोशिकाओं के विकास को पूरी तरह रोक देता है. इंजेक्शन में एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर (ईजीएफ) नाम का एक प्रोटीन होता है. ईजीएफ शरीर में कोशिकाओं के विकास के लिए जिम्मेदार होता है. यह शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. लेकिन ट्यूमर कोशिकाएं इस प्रोटीन के निर्माण को बहुत ज्यादा तेज कर देती हैं. इसके चलते तेजी से नई ट्यूमर कोशिकाएं बनने लगती हैं और शरीर में अनियंत्रित ढंग से कैंसर फैलने लगता है.

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सिमावैक्स इंजेक्शन में ईजीएफ और अन्य तत्व हैं. दवा के खून में घुलते ही प्रतिरोधी तंत्र, ईजीएफ के बढ़ते असर के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने लगता है. इन एंटीबॉडीज की मदद से ट्यूमर का विकास बंद हो जाता है. दवा सीधे ट्यूमर कोशिकाओं पर हमला नहीं करती. लंग कैंसर के मरीजों को सिमावैक्स दे चुके डॉक्टरों के मुताबिक अब तक यह इंजेक्शन लेने वाले सारे मरीजों की हालत पहले से काफी बेहतर है.

हालांकि इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से कैंसर की कोशिकाएं मरती नहीं हैं. वह जस की तस बनी रहती हैं, जिसके चलते मरीजों को बार बार सिमेवैक्स का इंजेक्शन लेना पड़ता है. लेकिन इसके बावजूद मरीजों के लिए यह बहुत बड़ी राहत है. कैंसर के मामलों में अक्सर ट्यूमर कोशिकाएं शरीर के एक हिस्से में जन्म लेती हैं और फिर दूसरे अंगों तक फैल जाती हैं. इसके चलते इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है और आम तौर पर मरीजों की मौत हो जाती है.

2011 से क्यूबा में इस्तेमाल किए जा रहे सिमावैक्स इंजेक्शन को अब तक सिर्फ लंग कैंसर के रोगियों पर ही इस्तेमाल किया गया है. लेकिन दुनिया भर के रिसर्चरों को उम्मीद है कि सिमावैक्स कई और किस्म के कैंसर के खिलाफ कारगर हो सकता है. सिगार बनाने के लिए मशहूर क्यूबा से निकला सिमावैक्स कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित हो रहा है.

सिमावैक्स की सफलता दिखा रही है कि फिदेल कास्त्रो का देश मेडिकल साइंस में आज भी बहुत आगे है. क्यूबा पर 55 साल तक यात्रा और कारोबारी प्रतिबंध लगाने वाला अमेरिका भी सिमावैक्स के ट्रायल को मंजूरी दे चुका है. 2009 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने क्यूबा पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देनी शुरू की. इसके बाद अमेरिका और क्यूबा के बीच बरसों से ठप पड़ा संवाद शुरू हुआ और पश्चिम को सिमावैक्स के बारे में पता चला.

एक बार सिमावैक्स इंजेक्शन लगाने का खर्च एक डॉलर है. क्यूबा में आम नागरिकों के लिए यह इंजेक्शन मुफ्त है. सिमावैक्स की सफलता के चलते अब कई देश इसे आजमाना चाहते हैं.