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शिक्षा के लिए प्रेमजी का अरबों का दान

२ दिसम्बर २०१०

भारत के प्रमुख आईटी उद्योगपति अजीम प्रेमजी गांवों में शिक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए 88 अरब रुपये का दान करेंगे. यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ा दान है.

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तस्वीर: UNI

भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने कहा है कि वे कंपनी के 88.4 अरब रुपये मूल्य के सवा 21 करोड़ शेयर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को ट्रांसफर कर देंगे. यह न्यास प्रेमजी के नियंत्रण में होगी और इन शेयरों के मताधिकार का प्रयोग भी वही करेंगे.

पिछले दशकों में भारत के तेज आर्थिक विकास ने नए धनाढ्य पैदा किए हैं. आर्थिक पत्रिका फोर्ब्स के अनुसार देश में इस समय 69 अरबपति हैं लेकिन दान देने के मामले में उनकी कंजूसी की आलोचना की जाती रही है.

प्रेमजी ने एक बयान में कहा, "हम मानते हैं कि अच्छी शिक्षा न्यायोचित, समतामूलक, मानवीय और आत्मनिर्भर समाज के निर्माण के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी है. हम भारत में शिक्षा के विकास में और उसके साथ बेहतर समाज के निर्माण में अहम योगदान देना चाहते हैं."

फोर्ब्स के अनुसार प्रेमजी 17 अरब डॉलर की व्यक्तिगत संपत्ति के साथ भारत के तीसरे और दुनिया के 28वें सबसे धनी व्यक्ति हैं. सितंबर में माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स और निवेशक वारेन बफेट ने अत्यंत धनी व्यक्तियों को परोपकार के लिए दान देने को मनाने के लिए चीन का दौरा किया था. अमेरिकी अरबपतियों ने कहा है कि वे अगले साल भारत में इस तरह की गोष्ठी का आयोजन करेंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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