1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सचिन आईपीएल की नई नीलामी से नाखुश

२१ सितम्बर २०१०

मुंबई इंडियंस के कप्तान और चोटी के बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर आईपीएल की नई नीलामी से नाखुश हैं. सचिन के मुताबिक तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने एक आला दर्जे की टीम बनाई, नई नीलामी इस मेहनत पर पानी फेर देगी.

https://p.dw.com/p/PI5X
नीलामी के नए नियमतस्वीर: UNI

आईपीएल के नए नियमों के मुताबिक कोई भी टीम सिर्फ चार पुराने खिलाड़ियों को ही सहेज कर रख सकती है. बाकी खिलाड़ियों की खुली नीलामी प्रक्रिया में बोली लगेगी. इस नियम से मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आहत हैं. तेंदुलकर के मुताबिक बड़ी मेहनत से टीम को बनाया गया, लेकिन अब नीलामी सारी कोशिशें बेकार कर सकती है.

Cricket Team Mumbai Indians
तस्वीर: AP

दक्षिण अफ्रीका में मास्टर ब्लास्टर ने कहा, ''कड़ी मेहनत के बाद हम सब खिलाड़ियों को बेहतरीन ढंग से साथ लाने में कामयाब हुए. तीसरे सत्र में हमने कई ऐसे कैंप किए जिनका क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं था. यह सब इसलिए किया गया ताकि खिलाड़ी एक दूसरे अच्छे से समझ सकें.''

टीम के बिखरने की आशंका से तेंदुलकर भावुक भी हो उठे. कैंप की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा, ''हमने साथ में टेबल टेनिस खेला, तैराकी और अन्य खेल खेले. यह सब साथ मिलकर टीम भावना तैयार करने के लिए किया गया. टीम मैंनेजमेंट और टीम मालिकों ने भी पूरा साथ दिया. लेकिन अब आपको लगता है कि टीम को बदलना है. इसे स्वीकार करना बड़ा मुश्किल है.''

माना जा रहा है कि सचिन के बयान का बीसीसीआई और आईपीएल प्रशासन पर कुछ असर पड़ सकता है. सामान्यतया क्रिकेट के प्रशासनिक मामलों में सचिन कोई बयान नहीं देते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने कड़े अंदाज में अपनी बात रखी है. क्रिकेट जगत के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शुमार बल्लेबाज ने कहा, ''मुझे लगता है कि कोशिशें टीम बनाने के लिए की जाती है, टीम को तोड़ने के लिए नहीं. कई खिलाड़ी टीम की पहचान बन जाते हैं. ऐसे कई खिलाड़ियों की वजह से हमारे प्रशंसकों की तादाद में बड़ा इजाफा हुआ. दक्षिण अफ्रीका में भी घरेलू टीमों से ज्यादा हमारा हौसला बढ़ाया गया.''

सचिन के अलावा कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक शाहरुख खान भी आईपीएल के नीलामी संबंधी नियम से परेशान हैं. किंग खान को भी टीम के बिखरने का डर सता रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ओ सिंह

संपादन: एस गौड़