1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हैती की मदद पर मतभेद

२१ जनवरी २०१०

हैती की सरकार ने ऐलान किया है कि अमेरिका हैती की मदद उनके अनुरोध पर कर रहा है. ये बयान फ्रेंच मीडिया में हैती पर बढ़ते अमेरिकी नियंत्रण की ख़बरों को ख़ारिज करता हैं.

https://p.dw.com/p/LcgD
तस्वीर: AP

हैती में भूकंप आए अब दस दिन हो चुके हैं. दुनिया के अमूमन हर देश ने अपने क्षमता के अनुसार हैती की मदद भी की. लेकिन पिछले कुछ दिनों से फ्रांसिसी मीडिया हैती में अमेरिकी भूमिका को लेकर कई सवाल उठा रहा है. माना जा रहा है कि अमेरिका मदद देकर हैती पर कब्ज़ा करना चाहता है और साथ ही सहायता कार्य में जुटे फ्रांस की बड़ी भूमिका को दुनिया के सामने नहीं आने देना चाहता. इन ख़बरों और अटकलों को ग़लत बताते हुए हैती के राष्ट्रपति रेने प्रीवाल ने कहा कि, हैती किसी भी देश के संरक्षण में नहीं है. इतना ही नहीं हैती के प्रधानमंत्री ने पोर्त ओ प्रांस में आरटीएल रेडियो से बातचीत में यह भी कहा कि अमेरिका हैती के अनुरोध पर उनकी मदद कर रहा है और ये मदद मानवता के आधार पर है.

उधर हैती में बचाव कार्य में जुटे लोगों को पूरी उम्मीद है कि मलबे में अब भी ज़िन्दगी की धड़क रही है. दस दिन बाद भी वो ज़िंदा लोगों को मलबे के नीचे ढूंढ़ने की कोशिश में दिन रात मेहनत कर रहे हैं.कई लोगों को मलबे के नीचे से ज़िंदा निकाला गया है. इनमें एक तीन महीने का बच्चा भी शामिल है. जानकारों का मानना है कि मलबे में दबे लोगों को अगर ऑक्सीजन मिल जाए तो उनके बचने की संभावना बढ़ सकती है. यही कारण है कि सहायताकर्मी अभी बचाव कार्य को रोकना नहीं चाहते.

हैती के लोगों को हर मुमकिन मदद देने में जुटे संयुक्त राष्ट्र ने वहां खाने पीने की चीज़ें मिलने में हो रही दिक्कतों पर चिंता जताई है. खाद्य और कृषि संगठन ने अपील की है कि मार्च में बुआई के समय से पहले पहले हैती के किसानों को बीज, खाद आदि जैसी मदद मिलनी चाहिए. मई से मार्च तक हैती में बुआई का मौसम माना जाता है और इन दिनों में हैती की पूरी खपत का 60 प्रतिशत अनाज उगाया जाता है.

रिपोर्टःएजेंसियां/तनुश्री सचदेव

संपादनःआभा मोंढे