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हो पाएगा वर्ल्ड कप मेजबानी का फैसला?

३० नवम्बर २०१०

भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा से कहा है कि वह 2018 और 2022 के वर्ल्ड कप के आयोजन की दौड़ को फिलहाल टाल दे क्योंकि प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के नए आरोप लगे हैं.

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तस्वीर: DW

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने यह आग्रह वर्ल्ड कप पर फैसला लिए जाने से सिर्फ दो दिन पहले किया है. दो दिसंबर को उन दो देशों के नामों पर फैसला होना है जो 2018 और 2022 में वर्ल्ड कप की मेजबानी करेंगे. संस्था ने स्विट्जरलैंड से जारी एक बयान में कहा, "2 दिसंबर को लिया जाने वाला 2018 और 2022 के वर्ल्ड कप का फैसला तब तक टाल दिया जाना चाहिए जब तक कि भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला साफ नहीं हो जाता."

बयान में कहा गया है कि ताजा आरोप फीफा के फैसला लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं और अगर ऐसे में फैसला लिया जाता है तो यह विवाद को और बढ़ाएगा.

स्विट्जरलैंड के अखबार टागेस-अंत्साइगर ने खबर दी है कि ब्राजील के रिकार्डो तेक्सियेर, अफ्रीका में फुटबॉल के प्रमुख इसा हयातोऊ और दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल प्रमुख निकोलस लियोज 10 साल पहले फीफा के मार्केटिंग पार्टनर आईएसएमएम/आईएसएल की एक खुफिया भुगतान सूची में शामिल थे. आईएसएमएम/आईएसएल 2001 में दीवालिया हो गई थी. इसकी वजह टीवी अधिकार थे. स्विट्जरलैंड की एक कोर्ट ने 2008 में इसके तीन अधिकारियों पर गबन का दोष साबित होने पर जुर्माना लगाया था.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का कहना है कि भले ही फुटबॉल अधिकारियों पर लगे आरोप साबित नहीं हुए हैं लेकिन उनकी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा जांच कराई जानी चाहिए.

वर्ल्ड कप के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया को पिछले महीने भी धक्का पहुंचा था जब एक ब्रिटिश अखबार ने खबर छापी कि एग्जेक्यूटिव कमिटी के दो सदस्यों ओसेनिया के रेनाल्ड तेमारी और नाइजीरिया के अमोस अदामू ने वर्ल्ड कप की बोली को प्रभावित करने की कोशिश की. खबर छपने के बाद दोनों सदस्यों को निलंबित कर दिया गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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