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कुडनकुलम में बिजली बनना शुरू

२२ अक्टूबर २०१३

दुनिया भर के परमाणु बिजली घरों की सुरक्षा पर उठते सवालों के बीच भारत के कुडनकुलम परमाणु संयंत्र से बिजली बननी शुरू हो गई है.

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तस्वीर: AP

कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना, केएनपीपी की पहली इकाई में सोमवार आधी रात के बाद 75 मेगावॉट बिजली उत्पादन का काम शुरू हुआ. कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में दो रिएक्टर हैं. जिनमें से एक ने काम करना शुरू कर दिया है. मार्च 2011 में जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में हुए हादसे के बाद स्थानीय गांव वालों और मछुआरों ने सुरक्षा को लेकर काफी विरोध किया था, लेकिन भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें परमाणु संयंत्र पर रोक लगाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने परमाणु परियोजना को चलाने वाली एजेंसी के पक्ष में फैसला सुनाया.

पूरी होगी बिजली की जरूरत

भारत सरकार का परमाणु ऊर्जा निगम देश भर में 20 एटॉमिक रिएक्टर का संचालन करता है. इन रिएक्टरों से 4780 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है. ये देश में खर्च होने वाली कुल बिजली का तीन फीसदी है. चेन्नई स्थित कुडनकुलम परमाणु संयंत्र पूरी तरह से काम में आने के बाद एक हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा. निगम की योजना है कि 2032 तक परमाणु बिजली उत्पादन को बढ़ाकर 63,000 मेगावॉट किया जाए. एक अनुमान के मुताबिक आने वाले दशक में भारत में बिजली की खपत दोगुनी हो जाएगी. तमिलनाडु के लोगों ने इस प्लांट का स्वागत किया है. उनका कहना है कि प्लांट से दक्षिण के इस राज्य में बिजली की समस्या खत्म करने में मदद मिलेगी.

Anti Atomkraft Proteste Indien
संयंत्र के खिलाफ लंबा विरोध प्रदर्शन हुआतस्वीर: AP

फुकुशिमा का खतरा

परमाणु बिजली घरों उर्जा का एक मजबूत विकल्प तो है लेकिन इसमें जोखिम भी बहुत ज्यादा है. जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का संचालन करने वाली टोक्यो विद्युत ऊर्जा निगम, टेपको ने कहा है कि भारी बारिश के बाद फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रेडिएशन से प्रदूषित पानी संभवतः सागर में मिल गया है. जापान में आने वाले दिनों तूफान का खतरा है जिसके बाद भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. टेपको का कहना है कि प्रदूषित पानी को रोकने के लिए बना घेरा काम नहीं कर पाया और पानी का स्तर बढ़ने से खतरनाक तत्व सागर के पानी में जा मिला. बताया जा रहा है कि पानी में स्ट्रोंशियम-90 नाम का पदार्थ मिल गया है. कानूनी तौर पर दी गई सुरक्षित निपटारे की सीमा से ये 70 गुना ज्यादा है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि भारी बारिश की आशंका लेकर आने वाला तूफान धीरे धीरे जापान की तरफ बढ़ रहा है. इस सप्ताह के आखिर तक तूफान के जापान पहुंचने की संभावना है.

Zum Thema - deutlich erhöhte Strahlenbelastung an Wassertank in Fukushima
फुकुशिमा से लगातार खतरा बना हुआ हैतस्वीर: Reuters/Tokyo Electric Power Co

खतरे से बेपरवाह ब्रिटेन

जोखिम होने के बावजूद परमाणु ऊर्जा से दुनिया को मुक्त कराना आसान नहीं है. जर्मनी ने तो अपने परमाणु बिजली घरों को बंद करने का एलान कर दिया है लेकिन कई देश नए संयंत्र लगा रहे हैं. ब्रिटेन ने 20 साल बाद देश में नया परमाणु संयंत्र बनाने का फैसला किया है. फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के बाद उठी चिंताओं को नकारते हुए ब्रिटेन ने अपनी ऊर्जा खपत को देखते हुए ये फैसला किया है. ब्रिटिश सरकार ने परमाणु संयंत्र के लिए फ्रांस की इलेक्ट्रिसिटी द फ्रांस और चीनी निवेशकों के साथ मिलकर करार किया है.

Tanks of radiation-contaminated water are seen at the Tokyo Electric Power Co (TEPCO)'s tsunami-crippled Fukushima Daiichi nuclear power plant in Fukushima prefecture, in this file photo released by Kyodo March 1, 2013. Japan's government believes radiation-contaminated water has been leaking into the Pacific Ocean from the wrecked Fukushima Daiichi nuclear plant for the past two years, an industry ministry official told reporters on August 7, 2013. Mandatory Credit REUTERS/Kyodo/Files (JAPAN - Tags: DISASTER POLITICS ENERGY ENVIRONMENT) ATTENTION EDITORS - THIS IMAGE WAS PROVIDED BY A THIRD PARTY. FOR EDITORIAL USE ONLY. NOT FOR SALE FOR MARKETING OR ADVERTISING CAMPAIGNS. THIS PICTURE IS DISTRIBUTED EXACTLY AS RECEIVED BY REUTERS, AS A SERVICE TO CLIENTS. MANDATORY CREDIT. JAPAN OUT. NO COMMERCIAL OR EDITORIAL SALES IN JAPAN. YES
तस्वीर: Reuters

बढ़ते ईंधन लागत और उत्तरी सागर से निकलने वाली गैस के उत्पादन में गिरावट के बाद ब्रिटेन ने ये कदम उठाया है. इस करार के बाद करीब 16 अरब ब्रिटिश पाउंड देश में निवेश के तौर पर आएंगे. ब्रिटेन के ऊर्जा सचिव ने कहा, "अगर लोग टीवी देखना चाहते हैं, खाना बनाना चाहते हैं और बिजली से लाभ लेना चाहते हैं तो हमें इस तरह का निवेश करना होगा. बिजली सप्लाई जारी रखने के लिए और ब्रिटिश व्यापार को चलाने के लिए ये एक जरूरी कदम है.'' नया रिएक्टर इंग्लैंड के दक्षिण पश्चिम के हिंकले प्वाइंट पर बनेगा. जर्मनी ने दो साल पहले अपने सभी परमाणु संयंत्र को 2020 तक बंद करने का फैसला किया है. परमाणु बिजली घरों के विरोध और फुकुशिमा हादसे के बाद ये फैसला लिया गया था.

एए/एनआर (पीटीआई, एपी, एएफपी)

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