1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जाने कब मिलेगा शोएब का पासपोर्ट!

६ अप्रैल २०१०

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से शादी रचाने हैदराबाद पहुंचे पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक को अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. धोखाधड़ी के आरोप में शोएब का पासपोर्ट जब्त हुआ.

https://p.dw.com/p/MnmI
गए शादी करने, फंस गए धोखाधड़ी मेंतस्वीर: AP

हैदराबाद की एक लड़की आयशा सिद्दीकी के पिता ने शोएब के खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. आयशा का कहना है कि शोएब की उससे शादी हुई है. हैदराबाद सिटी पुलिस कमिश्नर एके खान ने संकेत दिया है कि वह कोई ऐसी समयसीमा नहीं बता सकते कि कब इस मामले की जांच पूरी होगी. सोमवार को पुलिस ने शोएब से पूछताछ की और उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया और उनसे बिना अनुमित देश न छोड़कर जाने को कहा.

पुलिस कमिश्नर खान ने बताया, "जांच के अंतर्गत शोएब का पासपोर्ट ले लिया गया है. हम समझते हैं कि पासपोर्ट के जरिए उसके (आयशा) के इन दावों की सच्चाई को परखा जाए कि कथित शादी के बाद भी शोएब हैदराबाद आए थे या नहीं." शोएब का पासपोर्ट लौटाए जाने के सवाल पर सीनियर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पासपोर्ट सेंट्रल क्राइम स्टेशन को सौंप दिया गया है जो हैदराबाद सिटी पुलिस की एक शाखा है. अब वही इस मामले की जांच कर रही है. खान ने कहा, "हमने पुलिस को सूचित कर दिया है कि हमें उनके पासपोर्ट की जरूरत होगी."

इस बीच 2005 में भारत का दौरा करने वाली पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने शोएब की पत्नी के तौर पर कभी आयशा सिद्दीकी नाम की लड़की से नहीं मिलवाया गया जबकि उन्होंने सिद्दीकी परिवार की तरफ से दी गई एक दावत में हिस्सा लिया था. इस दौरे पर पाकिस्तानी टीम के मैनेजर रहे सलीम अल्ताफ कहते हैं कि वे तो इस दावत में शोएब के कहने पर गए थे. अल्ताफ कहते हैं, "मलिक ने बताया कि सिद्दीकी परिवार उनकी होने वाली सुसराल है और उनकी लड़की से जल्द ही वह शादी करने वाले हैं. हम मलिक के कहने पर वहां गए, लेकिन हमें आयशा सिद्दीकी नाम की किसी लड़की से नहीं मिलाया गया."

ऑल राउंडर अब्दुल रज्जाक ने भी यही कहा है कि वे लोग दावत में गए जरूर थे लेकिन उन्हें आयशा नाम की किसी लड़की से नहीं मिलाया गया. उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ी आयशा के माता पिता से मिले लेकिन वह खुद उस वक्त घर पर नहीं थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एम गोपालकृष्णन