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भारत के धर्मनिरपेक्ष चेहरे पर हमला

१७ मार्च २०१५

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे हमलों पर "गहरी चिंता" जताई है. हाल में कोलकाता में एक बुजुर्ग नन के साथ सामूहिक बलात्कार और हरियाणा में एक निर्माणाधीन चर्च को नष्ट करने का मामला सामने आया.

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Neu Delhi Proteste von Christen
तस्वीर: Reuters/A. Mukherjee

भारत के अलग अलग इलाकों में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल की हिंसक घटनाओं पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है. संसद में भी सरकार को विपक्षी पार्टियों के गुस्से और सवालों का सामना करना पड़ा. बीते कुछ महीनों में मोदी की इस बात पर आलोचना हो रही है कि वे ईसाई धर्म संस्थानों पर हो रहे हमलों की निंदा करने में अधिक सक्रियता नहीं दिखाते. इस बात की चिंता बढ़ी है कि केन्द्र की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार हिंदू कट्टरपंथियों को काबू में रखने में नाकामयाब साबित हो रही है.

पुलिस ने कोलकाता में 75 वर्षीया नन के बलात्कार के आरोप में नौ लोगों को पकड़ा है, लेकिन इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. लोगों का यह समूह कॉन्वेंट स्कूल में घुस गया और वहां से चोरी की. इसी समूह से किसी ने नन के साथ बलात्कार भी किया. सोमवार को इसी मुद्दे पर इकट्ठा हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की पश्चिम बंगाल पुलिस से झड़प की रिपोर्टें भी मिली हैं. संसद के निचले सदन में मुहम्मद सलीम ने कहा, "हम सब शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं, पहले कभी ऐसा कुछ होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, कभी ऐसा सुना भी नहीं था."

भारत में कानून और व्यवस्था बरकरार रखना मूल रूप से राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है. 2012 के निर्भया कांड के बाद से ही देश में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन कर उभरा है. दोषियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान भी बना मगर देश के पुरुषों की संकीर्ण सोच और बर्बरता के नमूने दिखना बंद नहीं हुआ है.

हाल ही में उत्तरी भारत के राज्य हरियाणा के हिंदू-बहुल गांव में एक निर्माणाधीन चर्च पर तोड़फो़ड़ हुई. स्थानीय पुलिस अधिरकारी रमेश चंद ने बताया कि तोड़ फोड़ करने वाली भीड़ ने वहां एक हिंदू देवता की मूर्ति रख दी. स्थानीय लोगों ने भारतीय मीडिया को बताया कि चर्च के पादरी सुरेश चंद ने यह जमीन घर बनाने के नाम पर खरीदी थी, लेकिन जब निर्माण कार्य थोड़ा आगे बढ़ा तो उन्होंने देखा कि चंद असल में वहां एक चर्च जैसी इमारत खड़ी कर रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि उन्होंने इस विवाद को पहले ग्रामसभा में भी उठाया था. पुलिस ने आपराधिक धमकी और धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 14 लोगों को नामजद किया है. भारत आधिकारिक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष देश है. लेकिन बीते एक साल में देश में ईसाई लोगों के धार्मिक केन्द्रों पर हमले बढ़े हैं.

आरआर/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए, पीटीआई)