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सूसी को तलाशते वैज्ञानिक

९ अगस्त २०१२

हिग्स बोसोन कण को खोजने वाले अब उस एक सिद्धांत की तलाश में हैं जिससे दुनिया की हर प्रक्रिया को समझा जा सकेगा. सूसी सिद्धांत के मुताबिक हर एक कण का एक जुड़वा होगा.

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सर्न की स्क्रीन पर हिग्स बोसोनतस्वीर: 2012 CERN

स्विट्जरलैंड में परमाणु शोध संस्थान सर्न के वैज्ञानिकों ने हाल ही में हिग्स बोसोन कणों का पता लगाने का दावा किया था अब वे लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर से निकले पदार्थों की जांच कर रहे हैं और "सूसी" की तलाश में हैं. सूसी यानी सुपरसिमेट्री. सूसी के पीछे का सिद्धांत यह है कि ब्रह्मांड को बनाने वाले हर छोटे कण का एक जुड़वा कण होता है जो हर तरह से इसी के जैसा होता है लेकिन इसमें कुछ अलग सी बात होती है. इसे वैज्ञानिकों ने सुपरपार्टनर का नाम दिया है.

सर्न में वैज्ञानिक ऑलिवर बूखम्युलर कहते हैं, "सूसी एक बहुत ही संभव सिंद्धांत है और हम इसे ऊर्जा के मापदंडों में सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं." बूखम्युलर के मुताबिक ऊर्जा मानचित्र में ऐसी कई जगहें हैं जहां सूसी को पाया जा सकता है लेकिन इसपर खोज चल रही है.

लेकिन सुपरसिमेट्री आखिर है क्या? अमेरिकी वैज्ञानिक मैट स्ट्रैसलर के मुताबिक यह स्पेस और टाइम के बीच संतुलन का अनुमान है. इसे एल्बर्ट आइंस्टाइन की रिलेटिविटी सिद्धांत से मिलाकर देखा जाए तो प्रकृति के कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं. जैसे कि सूसी से पता चलेगा कि डार्क मैटर क्या है जो अंतरिक्ष में 80 प्रतिशत से ज्यादा ठोस वस्तुओं में मौजूद है. अब तक सोचा जा रहा था कि वस्तुएं छोटे कणों से बनीं हैं लेकिन सूसी से स्ट्रिंग थियरी को भी टेस्ट किया जा सकेगा. इस सिद्धांत के मुताबिक ब्रह्मांड कणों से नहीं बल्कि पतले धागों से जुड़ा हुआ है.

CERN Europäische Organisation für Kernforschung
तस्वीर: 2010 CERN

अब तक स्टैंडर्ड मॉडल को हर भौतिक प्रक्रिया को समझाने का जरिया समझा गया है. स्टैंडर्ड मॉडल में परमाणु कणों के आपसी संबंधों को जांचा जाता है. स्टैंडर्ड मॉडल ने क्वार्क, टॉप क्वार्क और न्यूट्रीनो जैसे परमाणु कणों की उपस्थिति के सबूत दिए हैं. लेकिन इसमें गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष में डार्क मैटर को समझाया नहीं जा सका है. सूसी की खोज से स्टैंडर्ड मॉडल को बढ़ावा मिलेगा.

लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर में परमाणु कण एक दूसरे से तेज गति में टकराते हैं और बिग बैंग जैसे विस्फोट पैदा करते हैं. सूसी की खोज भी इसी का हिस्सा है. सर्न में 2010 के बड़े प्रयोग से पहले कुछ संकेत मिले थे कि सुपरसिमेट्री का पता भी लगेगा, लेकिन कुछ वैज्ञानिक सूसी पर विश्वास नहीं कर रहे. "क्या सुपरसिमेट्री की मौत हो चुकी है?" इस नाम का एक लेख अमेरिकी पत्रिका साइंटिफिक अमेरिकन में छपी. मीडिया भी दबाव बना रही है और विज्ञान से जुड़ी वेबसाइटों ने कहा है, कि अगर सूसी जल्दी नहीं मिली तो सिद्धांत की मौत का एलान कर दिया जाएगा.

एमजी/एनआर (रॉयटर्स)