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निकाले गए अंटार्कटिका में फंसे यात्री

२ जनवरी २०१४

अंटार्कटिका के समुद्र में फंसे रूसी शोध जहाज के 74 यात्रियों को निकालने का काम शुरू हो गया है. चीन का एक हेलिकॉप्टर बारी बारी से लोगों को फंसे जहाज से निकालकर एक दूसरे ऑस्ट्रेलियाई जहाज में ला रहा है.

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तस्वीर: Reuters

एमवी अकादमिक शोकाल्स्की जहाज पर 74 यात्री सवार थे. वे 24 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के होबार्ट से लगभग 3,000 किलोमीटर दूर उत्तरी समुद्र में फंसे थे. इस बीच फ्रेंच, चीनी और ऑस्ट्रेलिया से बर्फ तोड़ने वाले जहाजों ने शोकाल्स्की को उसकी जगह से छुड़ाने की कई कोशिशें कीं जो नाकाम रहीं. शोकाल्स्की को छुड़ाने के लिए इन जहाजों को 20 किलोमीटर की दूरी तक बर्फ की परतों को हटाना था. इसके बाद हेलिकॉप्टर की मदद से यात्रियों को बर्फ में फंसे जहाज से निकालने का फैसला लिया गया. यात्रियों को निकाले जाने की शुरुआत के बाद शोध यात्रा के प्रमुख क्रिस टर्नी ने कहा, "टेक ऑफ, दूसरी टीम भी चली गई."

टेक ऑफ शुरू

ऑस्ट्रेलिया के समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण ने कहा कि हेलिकॉप्टर चीनी जहाज स्नो ड्रैगन से टेक ऑफ कर रहा है और यात्रियों को ऑरोरा ऑस्ट्रालिस जहाज के पास बर्फ के एक विशाल टुकड़े पर छोड़ रहा है. ऑरोरा चीनी जहाज स्नो ड्रैगन से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है जबकि शोकाल्स्की इनसे 22 किलोमीटर दूर है. शोकाल्स्की के 52 यात्रियों को 12 लोगों की टीमों में हेलिकॉप्टर के जरिए जहाज से निकाला जा रहा है.

MV Akademik Shokalskiy Forschungsschiff Antarktis
एमवी अकादमीक शोकाल्स्कीतस्वीर: Andrew Peacock/AFP/Getty Images

जहाज का 22 सदस्यों का चालक दल शोकाल्स्की में ही रहकर उसे बर्फ से निकालने की कोशिश करेगा. टीम का मानना है कि हवा की दिशा के बदलने से जहाज का रुख बदला जा सकेगा और उसे बाहर निकाला जा सकेगा. अगर ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है तो शोकाल्स्की को आजाद करने के लिए एक दूसरा बर्फ तोड़ने वाला जहाज लाने की जरूरत पड़ेगी.

100 साल पहले

MV Akademik Shokalskiy Forschungsschiff Antarktis
शोकाल्स्की बर्फ की परतों के बीच फंस गया थातस्वीर: picture-alliance/dpa/Epa/Andrew Peacock/Footloosefotography/Spiritofmawson.com

शोकाल्स्की में सवार यात्रियों में पर्यटक, वैज्ञानिक और पत्रकार 1911 में सर डगलस मॉसन की खोजी यात्रा के पदचिह्नों पर चल रहे हैं. यह टीम वहीं प्रयोग कर रही है जो मॉसन ने अपने जमाने में किए थे. वे जानना चाहते थे कि अंटार्कटिक का बर्फ कितनी जल्दी पिघल रहा है. ये यात्री पिछले महीने न्यूजीलैंड से चले थे. जहाज फिर दक्षिणी ध्रुव के समुद्र में बर्फ की बड़ी परतों के बीच फंस गया.

24 दिसंबर से लेकर अब तक यात्रियों ने फर्स्ट एड कोर्स से लेकर आपात्कालीन मदद और यहां तक की लूडो और शतरंज जैसे खेलों से अपना दिल बहलाया है. कुछ यात्रियों ने इस रोमांचक सफर के बारे में गीत भी लिखे. नया साल मनाने के लिए जहाज में फंसे यात्रियों ने इंटरनेट के जरिए न्यूयॉर्क की एक पार्टी में भी हिस्सा लिया.

एमजी/एमजे (डीपीए,एपी)

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