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अंतरराष्ट्रीय पटल पर अमेरिका, भारत की छवि सुधरी

२१ अप्रैल २०१०

दुनिया तेज़ी से बदलती जा रही है और उसी रफ़्तार से लोगों का रूझान भी बदल रहा है. अमेरिका और भारत जैसे देशों की छवि अंतरराष्ट्रीय पैमाने पर बेहतर हुई है. जर्मनी को अब भी सबसे ज़्यादा लोग पसंद करते हैं.

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तस्वीर: ullstein bild - imagestate

28 देशों में कराए गए एक सर्वेक्षण में लोगों से अलग अलग देशों की अंतरराष्ट्रीय छवि के बारे में सवाल पूछा गया. सवाल था कि दुनिया पर इस देश का कैसा प्रभाव है? सर्वेक्षण में पता चला कि जर्मनी को अब भी सबसे ज़्यादा लोग पसंद करते हैं. बीते साल के मुक़ाबले अमेरिका और भारत जैसे देशों की छवि भी अंतराष्ट्रीय पटल पर बेहतर हुई है. अब अमेरिका को 46 और भारत को 36 फ़ीसदी लोग अच्छी नज़र से देखत हैं. वहीं ईरान और पाकिस्तान हाशिए पर हैं, लोग मानते हैं कि दुनिया पर इन देशों का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

यह सर्वे बीसीसी ने कराया. इसमें भारत, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, चीन, रूस, पाकिस्तान, फ्रांस और जापान समेत अलग अलग महाद्वीपों के 28 देशों के लोग शामिल हुए. क़रीब 30 हज़ार लोग शामिल हुए.

सकारात्मक भूमिका निभाने वालों में पहले स्थान पर 59 फ़ीसदी लोगों के वोट के साथ जर्मनी रहा, दूसरे नंबर पर जापान और तीसरे पर ब्रिटेन रहा. भारत की भूमिका की सराहना 36 प्रतिशत लोगों ने की, 31 फ़ीसदी लोगों भारत के रुख़ की आलोचना की. इस तरह भारत चीन के नीचे नौवें स्थान पर रहा.

Konflikt Indien Pakistan
'भारत सकारात्मक, पाकिस्तान नकारात्मक'

अमेरिका के बारे में जनमत:

अमेरिकियों से ज़्यादा केन्या, फिलीपींस और घाना के लोग मानते हैं कि दुनिया पर अमेरिका का सकारात्मक प्रभाव है. भारत के 39 फ़ीसदी लोग भी इस बात से सहमत हैं, जबकि 28 फ़ीसदी लोग अमेरिकी प्रभाव को नकारात्मक मानते हैं. पाकिस्तान में अमेरिकी रुख़ की तारीफ़ सिर्फ़ 9 फ़ीसदी लोग ही करते हैं, 52 फीसदी अमेरिका के आलोचक हैं. तुर्की के लोग सबसे ज़्यादा अमेरिका की निंदा करते हैं. 70 फीसदी तुर्क मानते हैं कि अमेरिका दुनिया में दख़ल दे रहा है.

भारत के बारे में जनमत:

अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत एक अच्छा देश है. ऐसा 56 प्रतिशत दक्षिण कोरियाई, 55 फ़ीसदी अमेरिकी, 53 फ़ीसदी ब्रिटिश, 52 फ़ीसदी रूसी और 50 फ़ीसदी इंडोनेशिया के लोग मानते हैं. ऑस्ट्रेलिया में 44 फ़ीसदी लोग भारत को अच्छी नज़र से देखते हैं, जबकि 27 फ़ीसदी भारतीय नीतियों की आलोचना करते हैं. यूरोप में भारत की छवि बेहतर हुई है, फ्रांस और जर्मनी में भारत को सकारात्मक ढंग से देखने वालों की संख्या बढ़ी है. लेकिन पाकिस्तान में 8 प्रतिशत लोग भारत को सकारात्मक और 48 फ़ीसदी नकारात्मक छवि के साथ देखते हैं. चीन में यह संख्या 29 बनाम 47 है.

पाकिस्तान के बारे में जनमत:

सर्वेक्षण में पाकिस्तान को आख़िरी पायदान से थोड़ा ऊपर बताया गया है. पाकिस्तान की भूमिका को नकारात्मक मानने वालों में जर्मनी के लोग सबसे आगे हैं. जर्मनी में 83 फ़ीसदी लोग मानते हैं कि दुनिया में पाकिस्तान नकारात्मक भूमिका निभा रहा है. केन्या और ख़ुद पाकिस्तान को छोड़कर बाकी 26 देशों के ज़्यादातर लोग पाकिस्तान को शक की नज़र देखते हैं. 71 फ़ीसदी फ्रांसीसी, 70 फ़ीसदी स्पेनी, 69 फ़ीसदी इतालवी, 64 फ़ीसदी कोरियाई, 63 फ़ीसदी भारतीय और 58 फ़ीसदी अमेरिकी भी पाकिस्तान के रुख़ पर निराशा जताते हैं.

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'जर्मनी सबसे बेहतर'तस्वीर: picture-alliance/ dpa

चीन के बारे में जनमत:

केन्या, घाना, नाइजीरिया, मध्य अमेरिका, चीली, ब्रज़ील, पाकिस्तान, फिलीपींस, रूस, इंडोनेशिया और थाइलैंड के ज़्यादातर लोग चीन के प्रभाव को सराहते हैं. जबकि 61 फ़ीसदी कोरियाई, 72 फ़ीसदी इतालवी, 71 प्रतिशत जर्मन, 64 फ़ीसदी फ्रांसीसी, 54 फ़ीसदी स्पेनी और पुर्तगाली चीन की छवि को नकारात्मक ढंग से देखते हैं. भारत में चीन को सकारात्मक ढंग से 30 फ़ीसदी लोग देखते हैं, जबकि 38 फ़ीसदी लोग चीन को शक की नज़र से देखते हैं.

जर्मनी के बारे में जनमत:

तुर्की और पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी 26 देशों के लोग दुनिया पर पड़ रहे जर्मनी के प्रभाव को सकारात्मक ढंग से देखते हैं. भारत, चीन, रूस, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के अलावा थाइलैंड, नाइजीरिया, घाना और मैक्सिको जैसे देश भी जर्मनी के रुख़ को अच्छा करार देते हैं.

इस सर्वे में भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, ब्रिटेन, केन्या, फ्रांस, चीली, जापान, थाइलैंड, इटली, इंडोनेशिया, होंडूरास, ब्राजील, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के लोगों ने हिस्सा लिया. सभी बड़े देशों में एक हज़ार से ज़्यादा लोगों से सीधे तौर पर सवाल पूछे गए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य