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अंतरिक्ष की यात्रा अब सरकारों के कब्जे से बाहर

२७ मई २०२०

लंबे समय के बाद अमेरिकी अंतरिक्षयात्री एक बार फिर अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं. इसके साथ ही एक निजी कंपनी के अंतरिक्ष में लोगों को ले जाने की घड़ी भी आ गई है.

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USA 1. SpaceX bemanntes Raumschiff Mission zu ISS
तस्वीर: flickr/Official SpaceX Photos

अमेरिका की निजी कंपनी स्पेस एक्स के बनाए रॉकेट के सहारे दो अंतरिक्ष यात्री बुधवार को अंतरिक्ष के लिए रवाना हो रहे हैं. फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेस एक्स का रॉकेट एक नए क्रू ड्रैगन कैप्सूल के साथ उड़ान भरेगा. यह वही जगह है जहां से नील आर्मस्ट्रांग अपोलो के क्रू सदस्यों के साथ चांद की ऐतिहासिक यात्रा पर गए थे.

स्पेस एक्स के कैप्सूल ड्रैगन में नासा के अंतरिक्ष यात्री बॉब बेनकेन और डग हर्ली जा रहे हैं. मौसम की मेहरबानी बनी रही तो इन यात्रियों को यह रॉकेट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगा. फ्लोरिडा में बीते कई दिनों से बारिश हो रही है और बुधवार को भी बारिश होने के आसार 40 फीसदी हैं. कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद यह यात्रा निर्धारित समय पर शुरू हो रही है. दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को यात्रा से पहले 15 दिनों से क्वारंटीन में रखा गया है.

USA 1. SpaceX bemanntes Raumschiff Mission zu ISS
तस्वीर: flickr/Official SpaceX Photos

बीते छह दशकों में अंतरिक्ष तक जाने का ख्वाब मुट्ठी भर देशों की मिल्कियत रहा है. स्पेस एक्स के रॉकेट में जा रहे दो अंतरिक्ष यात्री एक नए युग की शुरूआत कर रहे हैं. खुद अमेरिका भी बीते नौ सालों से अंतरिक्ष में अपना रॉकेट नहीं भेज रहा है. अमेरिका ने 2011 में अंतरिक्ष के लिए अपने अंतरिक्ष यान भेजने बंद कर दिए थे. इसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष अभियानों को रूस से अंतरिक्ष में जाने वाली उड़ानों का सहारा लेना पड़ा. इसका खर्च लगातार बढ़ता जा रहा था.

नासा के अंतरिक्ष में यान भेजना रोकने के पीछे दलील दी गई थी कि इस पैसे का इस्तेमाल गहरे अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने में किया जाएगा. इस बीच जब भी जरूरत पड़ी रूसी रॉकेटों की मदद से यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा गया. कई निजी कंपनियां भी अंतरिक्ष कार्यक्रमों में खूब दिलचस्पी दिखा रही हैं.

अमेरिकी तकनीकी कंपनी स्पेस एक्स इसमें सबसे आगे है. 2002 में इस कंपनी को इलॉन मस्क ने शुरू किया था. 2012 में कंपनी ने पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा. निजी कंपनी स्पेस एक्स का रॉकेट कम से कम 20 बार अंतरिक्ष स्टेशन तक सामान ले कर जा चुका है. यह पहली बार हो रहा है जब वह इंसानों को भी अपनी यात्रा में शामिल कर रहा है. मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाला कैप्सूल विकसित करने, बनाने और ऑपरेट करने के लिए नासा ने 3 अरब अमेरिकी डॉलर की रकम स्पेस एक्स को दी है. इस कैप्सूल के छह बार अंतरिक्ष में जाने की उम्मीद है. यह कंपनी पूरी दुनिया में तेज रफ्तार इंटरनेट का जाल बिछाना चाहती है और इसके लिए उसने सैकड़ों की तादाद में छोटे छोटे उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में भेजे हैं.

NASA-Astronauten
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS/ZUMA Wire/NASA

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 2024 तक चांद पर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना चाहते हैं. यहां से उनकी इच्छा आगे चल कर मंगल ग्रह के लिए मानव अभियानों को शुरू करने की है. फ्लोरिडा से रॉकेट को लॉन्च किए जाते समय राष्ट्रपति खुद भी वहीं मौजूद रहेंगे. ट्रंप ने अमेरिकी अंतरिक्ष अभियानों को नए सिरे से शुरू किया है. इसमें अब सेना भी जुड़ गई है. हाल ही में अमेरिका ने स्पेस फोर्स का गठन किया है जो अमेरिकी सेना की एक नई शाखा है.

अमेरिका अंतरिक्ष में अपना दबदबा कायम करना चाहता है. बीते कुछ सालों में चीन समेत कई देशों ने अंतरिक्ष के लिए अभियान शुरू करने के साथ ही पहले से चल रहे अभियानों का दायरा बढ़ा दिया है. चीन और अमेरिका की प्रतिद्वंद्विता भी अब जमीन से लेकर आसमान तक पहुंच गई है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने लोगों से आग्रह किया है कि वो स्पेस एक्स के रॉकेट लॉन्च को अपने घर में बैठ कर ऑनलाइन देखें. बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग फ्लोरिडा पहुंच रहे हैं. 

एनआर/आईबी (डीपीए, एएफपी)

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