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अच्छे माहौल में मुश्किल चीन-अमेरिकी बातचीत

२४ मई २०१०

द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के सिलसिले में चीन और अमेरिका को काफ़ी सवालों से निपटना है, लेकिन कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव भी उनकी बातचीत में एक प्रमुख विषय बन गया है.

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चीनी उप प्रधानमंत्री वांग छिशान, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनरतस्वीर: AP

दो दिनों की बातचीत को रणनीतिक और आर्थिक संवाद का नाम दिया गया है, और रणनीतिक संवाद के तहत उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच जहाज़ डुबाए जाने के सवाल पर तेज़ हो चुका तनाव सबसे प्रमुख मुद्दा है. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. बातचीत की शुरुआत से पहले विदेश मंत्री क्लिंटन ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थायित्व के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए और इस चुनौती से निपटने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना पड़ेगा.

चीन और अमेरिका के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध एक अत्यंत संवेदनशील दौर में हैं. अमेरिका चाहता है कि चीन अपनी मुद्रा युआन की क़ीमत बढ़ाए और अपने बाज़ार को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोले, ताकि द्विपक्षीय व्यापार में असंतुलन को घटाया जा सके. दो दिनों की बातचीत में अमेरिका के लगभग 200 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. क्लिंटन ने ध्यान दिलाया कि ऐसा अब तक कभी देखा नहीं गया है.

पेइचिंग में ग्रेट हॉल ऑफ पीपल्स में उद्घाटन समारोह में चीन के उप प्रधान मंत्री वांग छिशान ने कहा कि दोनों देशों के आर्थिक जगत लगातार एक-दूसरे के साथ जुड़ते जा रहे हैं. राज्य परिषद के सदस्य दाई पिंगकुओ के साथ वे चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. बातचीत के माहौल में बेहतरी के लिए सोमवार सुबह ही चीन के राष्ट्रपति हू चिंथाओ ने मुद्रा सुधार का वादा किया, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकी उच्च तकनीक के निर्यात पर पाबंदी में ढील की गति के साथ यह सवाल जुड़ा रहेगा. चीन का कहना है कि मुद्रा की कीमत का द्विपक्षीय व्यापार के आयाम पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है. वैसे विश्वव्यापी आर्थिक संकट के चलते अमेरिका में चीन के निर्यात में पिछले साल उल्लेखनीय कमी देखी गई है. सन 2008 में व्यापार में अमेरिकी घाटा 268 अरब डालर के बराबर था, जो 2009 में 226.8 अरब डालर तक उतर आई है.

बातचीत के पहले दौर के बाद संतोष व्यक्त करते हुए हिलेरी क्लिंटन ने पत्रकारों से कहा कि शुरुआत बहुत अच्छी थी.

कुछ मसलों पर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद बने रहेंगे, लेकिन बातचीत में उन्हें प्रमुखता नहीं दी जाएगी. मानव अधिकारों का सवाल ऐसा ही एक मसला है. इसकी ओर इशारा करते हुए हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि हर सवाल पर दोनों पक्ष सहमत नहीं होंगे, लेकिन उन पर खुलकर बातचीत की जाएगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ए कुमार