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अनचाहे विज्ञापन ब्लॉक करने पर छिड़ी जंग

९ दिसम्बर २०१४

अगर ऐसा हो कि आप इंटरनेट सर्फ करें और ऑनलाइन वीडियो भी देंखे और अनचाहे विज्ञापन को हटाने की जरूरत भी नहीं पड़े तो कैसा होगा. एडब्लॉक प्लस जैसे प्रोग्राम मुफ्त में डाउनलोड किए जा सकते हैं. लेकिन प्रकाशक इसके खिलाफ हैं.

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तस्वीर: DW

इंटरनेट पर वीडियो शुरू होने के पहले आने वाला विज्ञापन, पॉप अप नोटिस जो पूरी स्क्रीन को ढंक देता है, इस सॉफ्टवेयर की मदद से रोके जा सकते हैं. शुरुआत में एप्लिकेशन उतना लोकप्रिय नहीं था, कुछ ही नौजवान और तकनीक के जानकार लोगों के पास इसकी जानकारी होती थी. लेकिन अब एप्लिकेशन जोर पकड़ रहा है.
फ्रांस में एडब्लॉक प्लस के करीब 50 लाख एक्टिव यूजर्स हैं, 20 लाख यूजर्स ग्रेट ब्रिटेन और 15 लाख यूजर्स स्पेन में हैं. दुनिया भर में इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या करीब 14.4 करोड़ है. इंटरनेट के यूजर विज्ञापन मुक्त सर्फिंग का सपना देखते हैं लेकिन विज्ञापनदाता और वेब प्रकाशक के लिए विज्ञापन सामग्री के लिए पूंजी का काम करता है. एड-ब्लॉकिंग एप्लिकेशन ऐसे लोगों के लिए बुरे सपने जैसा है. गेस्टे के सीईओ लाउरे द लताइलादे के मुताबिक, "यह कोई छोटा मामला नहीं है. यह सभी प्रकाशकों पर असर कर रहा है. हमारे सदस्यों को विज्ञापन राजस्व का 20 से 40 फीसदी अनुमानित नुकसान हुआ है."
एडब्लॉकर्स की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही कंपनियां ज्यादा से ज्यादा धन इंटरनेट विज्ञापन पर लगा रही हैं. इस साल वैश्विक विज्ञापन पर खर्च हुए 545 अरब डॉलर का एक चौथाई भाग डिजिटल विज्ञापन पर खर्च हुआ. इस निवेश की सुरक्षा के लिए फ्रांस में प्रकाशकों के एक समूह ने, जिनमें गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ला फिगारो अखबार शामिल है, एडब्लॉकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. जर्मनी में भी प्रकाशकों में विज्ञापन रोकने वाले एप्लिकेशन को लेकर खतरे की घंटी बजने लगी है. ग्रुनर+यार के डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख ऑलिवर फॉन वेर्शे के मुताबिक, "कुछ कंपनियां पहले ही औपचारिक शिकायतें दर्ज करा चुकी हैं."
'अनधिकृत प्रवेश'
इस बीच वेबसाइट्स विज्ञापन और व्याकुल यूजर्स को रिझाने के लिए तरह तरह की रणनीति पर प्रयोग कर रही है. फ्रांस की खेल समाचार वेबसाइट ले कीप ने इससे निपटने के लिए अनोखा रास्ता निकाला है. एडब्लॉकिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाले यूजर जब वीडियो देखने की कोशिश करते हैं तो वेबसाइट की तरफ से यह संदेश मिलता है, "अनधिकृत प्रवेश. ले कीप विज्ञापनों द्वारा हुई आय से चलता है. जिसके तहत हमें इसकी अनुमति होती है कि हम आपको मुफ्त सामग्री पेश कर सकें."
यूजर जब सॉफ्टवेयर को डिएक्टिवेट कर देता है तो वह वीडियो तक पहुंच बना लेता है. ला कीप समूह के उप प्रबंधनिदेशक जेवियर स्पेंडर के मुताबिक, "हमें एक व्यवहारिक आर्थिक मॉडल तलाशना होगा. या तो यूजर एक प्रीमियम मॉडल के लिए भुगतान करे या वह विज्ञापन को स्वीकार करे."
उद्योग जगत में इस समस्या को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है इसका संकेत इस बात से मिलता है कि गूगल ने वेब विज्ञापन के लिए विकल्प पेश किया है. इस विकल्प का नाम गूगल कंट्रिब्यूटर है. जिसके तहत यूजर्स से एक से लेकर तीन डॉलर तक फीस वसूली जाती है. एक महीने तक यूजर इस फीस के बदले विज्ञापन मुक्त सर्फिंग कर सकता है. यह फीस प्रभावित वेबसाइटों को अदा की जाती है.
एए/एमजे (एएफपी)