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अपने ही मुखपत्र से शर्मिंदा कांग्रेस

२८ दिसम्बर २०१५

कांग्रेस के 131वें स्थापना दिवस के सिलसिले में पार्टी के ही मुखपत्र ने जवाहर लाल नेहरू की कश्मीर, चीन और तिब्बत नीति की आलोचना करते हुए एक लेख छापा है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा.

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Indien - Sonia Gandhi und Rahul Gandhi
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कांग्रेस की मुंबई ईकाई के मुखपत्र के एक और लेख में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी पर विवादास्पद टिप्पणियों से बेखबर होने की बात कहने वाले अखबार के संपादक और कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इस मामले की जांच करवाने का आदेश दिया है. इन दोनों ही लेखों में लेखक का नाम प्रकाशित नहीं हुआ है. पार्टी के मासिक हिंदी प्रकाशन 'कांग्रेस दर्शन' में देश के पहले गृहमंत्री सरदार बल्लभ पटेल को समर्पित अंक निकाला गया था. 15 दिसंबर को सरदार पटेल की पुण्यतिथि होती है.

इस लेख में कहा गया है कि जलाहरलाल नेहरू को अंतरराष्ट्रीय मामलों में पटेल के विचारों को महत्व देना चाहिए था. लेख में भारत की पहली कैबिनेट के दोनों नेताओं के बीच लगातार रहे तनावपूर्व संबंधों के बारे में भी लिखा है. पत्र कहता है, "अगर नेहरू ने पटेल की दूरदर्शिता को अपनाया होता तो अंतरराष्ट्रीय मामलों में कई समस्याएं पैदा ही नहीं हुई होतीं."

एक दूसरे लेख में कांग्रेस की वर्तमान प्रमुख सोनिया गांधी के शुरुआती जीवन के बारे में काफी विस्तार से लिखा है. कांग्रेस अध्यक्षा के पिता के बारे में लिखा है कि वे उस इतावली सेना के सदस्य थे जिसे विश्व युद्ध में रूस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. लेख में कहा गया है, "सोनिया गांधी के पिता स्टेफानो माइनो एक पूर्व फासीवादी सैनिक थे." इसके अलावा सोनिया गांधी के तेजी से पार्टी अध्यक्ष बनने का भी जिक्र है, "सोनिया गांधी ने 1997 में कांग्रेस के एक प्राथमिक सदस्य के रूप में पंजीकरण करवाया और मात्र 62 दिनों के भीतर पार्टी अध्यक्ष बन गईं." दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय पर इकट्ठा होकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस का 131वां स्थापना दिवस मनाया.

मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय निरूपम ने भूल मानते हुए मामले की जांच करवाने और गलती दोबारा ना दोहराए जाने का आश्वासन दिया है. निरूपम पर माफी मांगने और पार्टी से इस्तीफा देने की भी मांगें उठी हैं. कांग्रेस में आने से पूर्व निरूपम शिवसेना के साथ थे और तब वे भी सोनिया गांधी के खिलाफ बयान देते रहते थे.

आरआर/एमजे (पीटीआई)