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अफगानिस्तान में इस साल रिकॉर्ड संख्या में लोग मरे

१८ जुलाई २०१७

अफगानिस्तान की जंग में बीते छह महीनों में जितने लोगों की जान गई है वो एक रिकॉर्ड है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से ज्यादातर लोग चरमपंथियों के बम धमाकों में मारे गए हैं.

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Afghanistan Explosion in Kabul
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Marai

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार आयुक्त जईद राद अल हुसैन ने  कहा है कि इस साल जनवरी से जून के बीच 1662 लोग मारे गए हैं. हुसैन का कहना है, "ये डरावने आंकड़े कभी नहीं बता सकते कि अफगानिस्तान के लोग क्या कुछ झेल रहे हैं."

रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मई को काबुल के मध्य में एक ट्रक बम से जो हमला हुआ था वो 2001 में अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद अब तक का सबसे घातक हमला था. इस हमले में 90 लोग मारे गए थे. हुसैन ने कहा है, "मौत का हर आंकड़ा एक टूटे परिवार, अकल्पनीय तकलीफ और दिक्कतों के साथ ही लोगों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है."

Afghanistan Anschlag in Lashkar Gah
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Mohammad

चरमपंथियों के हमले में 1141 नागरिकों की मौत हुई है. पिछले साल से इसकी तुलना करें तो मौत के आंकड़ों में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों में 2,348 लोग घायल हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा बलों और चरमपंथियों के बीच गोली बारी में पिछले साल के मुकाबले इस साल कम लोगों की मौत हुई है. इसके लिए रिपोर्ट में अफगान सुरक्षा बलों की तारीफ की गई है.

अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीरी ने इसके पीछे चरमपंथियों की आम लोगों को मानव कवच के रूप में इस्तेमाल करने को वजह बताया है. वजीरी ने समाचार एजेंसी एपी से कहा, "सेना अपने अभियानों के दौरान आम लोगों को मौत से बचाने में सजग रही है."

तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस रिपोर्ट को "पक्षपातपूर्ण" बताते हुए खारिज कर दिया. उनका कहना है कि इसमें तालिबान के नियंत्रण वाले इलाकों में सेना और सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान मारे गए लोगों का ब्यौरा नहीं है. जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने दावों को पुष्ट करने के लिए कोई आंकड़ा नहीं दिया.

2014 के आखिर में अफगानिस्तान में नाटो और अमेरिकी फौज का युद्धक मिशन पूरा हो जाने के बाद चरमपंथियों ने अपनी गतिविधियों का दायरा बड़ा कर लिया है. तालिबान ने देश के कई जिलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. अफगान सरकार ने सोमवार को कहा कि सेना ने दक्षिणी हेलमंद प्रांत में एक अहम जिले को फिर से अपने कब्जे में ले लिया. नावाय जिले में हुई जंग बहुत भीषण थी जिसमें तालिबान के कम से कम 50 लड़ाके मारे गए. वजीरी के मुताबिक इस अभियान में सुरक्षा बल के केवल पांच जवान जख्मी हुए. तालिबान ने इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

लश्कर गाह से केवल 16 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद नवाय चरमपंथी हमलों का केंद्र रहा है. अमेरिका और नाटो की सेना अफगान सेना की हेलमंद में मदद कर रही है. अफगानिस्तान में दूसरी जगहों पर तालिबान ने सीमा पुलिस की कार से तीन अधिकारियों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी. इनमें एक महिला भी थी.

एनआर/एमजे (एपी)