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म्यांमार के साथ है अमेरिकाः ओबामा

१९ नवम्बर २०१२

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एशिया दौरे पर हैं. वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की चपेट में रहे म्यांमार का दौरा किया है. यांगून में लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया.

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तस्वीर: dapd

ओबामा सबसे पहले म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सेन से मिले. मार्च, 2011 में पद पर आए थेन ने देश में सुधार लाने की कोशिश की है. ओबामा ने उनसे बातचीत के बारे में बताया, "मैंने उनसे कहा, मैं इस बात को जानता हूं कि एक लंबी यात्रा के लिए उन्होंने पहले कदम उठाए हैं. हमें लगता है कि लोकतांत्रिक और आर्थिक सुधारों से देश में विकास के बेहतरीन विकल्प निकलेंगे."

थेन सेन ने अपनी तरफ से कहा कि दोनों देश आपसी सम्मान, आदर और समझ के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाएंगे. थेन ने यह भी कहा कि म्यांमार में लोकतंत्र और मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता किया जा रहा है.

यांगून में ओबामा को देखने हजारों लोग पहुंचे. बच्चों ने म्यांमार और अमेरिकी झंडे फहराए और "वी लव ओबामा" के नारे लगाए. थेन सेन से मुलाकात के बाद ओबामा नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित विपक्षी नेता आंग सान सू ची से मिले, जिसके बाद विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और खुफिया अधिकारियों के साथ उन्होंने श्वेदागोन पगोडा के दर्शन किए.

Präsident Barack Obama Birma Besuch Yangon Flughafen
तस्वीर: Reuters

अमेरिकी अधिकारी ओबामा के म्यांमार दौरे को एक कूटनीतिक सफलता मान रहे हैं. हालांकि कुछ मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि ओबामा म्यांमार की सरकार को ऐसे सुधारों के लिए सम्मानित कर रहे हैं, जिन्हें पूरी तरह लागू नहीं किया गया है. लेकिन ओबामा खुद कहते हैं कि म्यांमार आखिरकार ऐसी जगह पहुंच गया है जहां उसे होना चाहिए "अगर अमेरिका देश में लोकतंत्र के स्थापित होने का इंतेजार करता, तब तक बहुत देर हो जाती." अमेरिका ने म्यांमार के खिलाफ प्रतिबंधों को ढीला किया है लेकिन कहा है कि सारे प्रतिबंध तभी हटाए जा सकेंगे जब सरकार राजनीतिक कैदियों को आजाद करेगा. म्यांमार में सरकार ने ऐसा करना शुरू कर दिया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ओबामा म्यांमार में अपनी उपस्थिति के जरिए लोकतांत्रिक बदलावों को तय करना चाहते हैं और देश में सांप्रदायिक दंगों को काबू में लाना चाहते हैं. ओबामा म्यांमार में अमेरिकी विकास सहायता संगठन यूएसएड का दफ्तर भी खोलना चाहते हैं.

म्यांमार के साथ थाइलैंड और कंबोडिया के ओबामा के दौरे से संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका अपना ध्यान अब दक्षिण पूर्वी एशिया की तरफ लगा रहा है और इलाके में चीन के प्रभाव को कुछ कम करना चाहता है. जाहिर है म्यांमार दौरा भी अमेरिका की नई कूटनीति का हिस्सा है. ओबामा ने यांगून विश्वविद्यालय में छात्रों और बाकी दर्शकों से कहा, "अमेरिका आप के साथ है."

एमजी/एजेए (डीपीए, एपी)

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