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"साइबर हमलों के लिए रूस जिम्मेदार"

१७ अप्रैल २०१८

अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर सीधा निशाना साधा है. दोनों देशों के मुताबिक साल 2015 से दुनिया भर के नेटवर्क में सेंधमारी का काम रूस के हैकर्स कर रहे हैं. इनका यह कहना रूस के साथ तनाव को और भी गहरा सकता है.

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Symbolbild Cyberattacke Russland
तस्वीर: picture-alliance/chromorange/C. Ohde

अमेरिका और ब्रिटेन ने दुनिया भर के इंटरनेट नेटवर्कों में रूसी सरकार के प्रायोजित हमले की चेतावनी दी है. ब्रिटेन के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर के साथ अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और एफबीआई ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि ऐसे हमलों को 2015 में शुरू किया गया था जो भविष्य में भी हो सकते हैं.

संयुक्त बयान

दोनों देशों ने कहा है कि रूस सरकार से समर्थन प्राप्त हैकर्स साल 2015 से बड़ी संख्या में दुनिया भर के रुटर्स और स्विच में सेंध लगा रहे हैं. इन हमलों में सरकारों के कामकाज, कारोबार, बुनियादी सेवाओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निशाना बनाया गया है. हालांकि एजेंसियों ने किसी भी पीड़ित का नाम उजागर नहीं किया है. एफबीआई ने कहा, "हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हैकर्स ने इन नेटवर्कों की कमजोरियों का फायदा गुप्त सूचनाएं प्राप्त करने, बौद्धिक संपदा चोरी करने और आपत्तिजनक कामों के लिए किया है."

अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा कि वे दुनिया भर की संस्थाओं को यह चेतावनी देना चाहते हैं क्योंकि कोई भी इससे प्रभावित हो सकता है. साथ ही अगर कही भी डाटा चोरी या नेटवर्क सेंधमारी का मामला सामने आता है तो प्रशासन को खबर करें. 

रूस की प्रतिक्रिया

रूस ने इस बयान पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन रूस साइबर हमले के आरोपों को पहले कई मौकों पर खारिज कर चुका है. रूस साल 2016 में हुए अमेरिका राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने जैसे आरोपों को भी नकारता आया है. अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटी ने कहा कि साइबर हमला, रूस द्वारा प्रायोजति ऑपरेशन ग्रिजली स्टेपे का हिस्सा था. इसके पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस को यूक्रेन में हुए साइबर हमले "नोटपेटया" के लिए भी जिम्मेदार ठहराया था. इस हमले ने दुनिया भर की आईटी सेवाओं को प्रभावित किया था.

रिश्तों में तनाव

सीरिया पर अमेरिका और उसके साथियों के हमलों ने रूस के साथ रिश्तों में तनाव पहले ही बढ़ा दिया है. सीरिया पर हुए कथित रासायनिक हमलों के लिए अमेरिका, रूस और रूस समर्थित सीरिया की असद सरकार को जिम्मेदार मानता है. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई के तौर पर पिछले शनिवार अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की सेना ने सीरिया में असद खेमे के खिलाफ कार्रवाई की. वहीं रूसी जासूस को जहर दिए जाने के मामले में भी रूस और ब्रिटेन की कड़वाहट अब दुनिया से छिपी नहीं है.

अलेक्जांडर पियर्सन/एए