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अमेरिका पीछे हटा, तो चीन आगे बढ़ा

२९ मार्च २०१७

चीन ने कहा कि अगर अमेरिका जलवायु परिवर्तन की प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करता है तो चीन इन्हें आगे बढ़ायेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के जलवायु परिवर्तन से जुड़े नये अध्यादेश की दुनियाभर में आलोचना हो रही है.

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USA Donald Trump unterzeichnet Dekret gegen Obamas Umweltspolitik
तस्वीर: Reuters/C. Barria

पेरिस समझौते से अमेरिका के पांव खींचने की संभावनाओं के बीच चीन ने इसे आगे बढ़ाने की पहल की है. बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के बदलते रुख के बावजूद चीन इससे जुड़ी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहेगा. मंगलवार को ट्रंप ने ओबामा प्रशासन की ऊर्जा नीतियों को बदलने वाले एक अध्यादेश पर दस्तखत किये थे. साथ ही उन्होंने पेरिस समझौते को बदलने के भी संकेत दिये. ऊर्जा संयंत्रों से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैसों को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौता हुआ था जिस पर तकरीबन 200 देशों ने अपनी सहमति जताई थी.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियू कांग ने कहा "जलवायु परिवर्तन एक सामूहिक चुनौती है, पेरिस समझौता इस दिशा में किया गया एक बड़ा फैसला था जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी काम किया गया है और इसमें अमेरिका और चीन भी शामिल हैं."

यूरोप में आलोचना

अमेरिकी राष्ट्रपति के ताजा अध्यादेश की यूरोप में भी आलोचना हो रही है. जर्मनी की पर्यावरण मंत्री बारबरा हेंडरिक्स ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि ट्रंप जलवायु संरक्षण की दिशा में हुई प्रगति को नहीं रोक सकते और जो इसे बदलने की कोशिश करेगा वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में स्वयं को नुकसान पहुंचायेगा.

Frankreich Demo vor die COP21
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Thibault Camus

साल 2015 में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी वार्ता की अध्यक्षता करने वाले फ्रांस के पूर्व विदेश मंत्री लॉरैं फाबियस ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग पर अमेरिकी प्रशासन का पीछे हटना बेहद ही गंभीर कदम है. नीदरलैंड ने भी ट्रंप के इस फैसले की निंदा की और भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की.

पर्यावरण समूह इस अध्यादेश के खिलाफ कानूनी विकल्पों को तलाश रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि अदालत में जाने से पहले वह आम जनता का समर्थन जुटाना चाहते हैं.

दूसरी तरफ अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रंप के इस अध्यादेश का स्वागत करते हुये कहा है कि इससे नौकरियां बढ़ेंगी. अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष थॉमस जे डोन्यू ने कहा कि पिछली सरकार के कानून ने ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया को बहुत महंगा बना दिया था और इसके चलते अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई थी. लेकिन वहीं कुछ कारोबारियों ने ट्रंप प्रशासन से पेरिस समझौते को खत्म न करने के लिये भी कहा है.

जलवायु परिवर्तन से लड़ने वाले अमेरिका के प्रगतिशील राज्यों में शुमार कैलिफोर्निया ने कहा कि वह अन्य मसलों की परवाह किये बिना अपनी प्रतिबद्धताओं के साथ आगे बढ़ेगा. कैलिफोर्निया के गर्वनर जेरी ब्राउन ने ट्वीट कर कहा कि "जलवायु परिवर्तन जैसे विषय को खत्म कर देना डॉनल्ड ट्रंप के दिमाग में ही आ सकता है." लॉस एंजिल्स के मेयर एरिक गार्सेटी ने ब्राउन के सुर में सुर मिलाते हुये कहा कि इस नये निर्देश पर ट्रंप को भारी विरोध झेलना पड़ सकता है.

एए/एके (एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए, एपी)